
सिकल सेलरोग की
अनकही कहानि याँ


ज़ोएल की कहानी
13
एक्करा
घाना
हूं—दोनों एक दूसरे का हाथ पकड़ कर आते हैं”.
मैं कौन हूं
मेरा नाम प्रिंसेज है और मेरे बेटे को सिकल सेल रोग है. हम घाना में रहते हैं. मैंने अकेले ही जोएल और उसके 2 भाईयों और बहनों का पालन पोषण किया है, क्योंकि उनके पिता 12 वर्ष पहले मुझे छोड़ गए थे जब जोएल का जन्म हुआ था, और वह कभी वापस नहीं आए. जोएल जब 4 वर्ष का था तो उसका सिकल सेल रोग का निदान हुआ था. उसको कई स्ट्रोक्स का सामना करना पड़ा था जो गंभीर सिकल सेल रोग से संबंधित पीड़ा की तकलीफों के कारण हुए थे. यह हमारी कहानी है.
हमारी सिकल सेल कहानी
जब जोएल 4 वर्ष का था तो वह अपनी अंगुलियों में सूजन से पीड़ित था, इसलिए मैं उसे अस्पताल ले गई. उन्होने कहा कि डेक्टीलाईटिस है, जो उसके डाक्टर के लिए चिंता का विषय था क्योंकि उन्हें इसके संभावित अर्थ का पता था. उसे कुछ समय के लिए अस्पताल में रखा गया. उस समय जोएल का निदान सिकल सेल रोग के साथ किया गया था. मुझे हर महीने उसे अस्पताल में लाना और ले जाना पड़ता था.

जोएल के स्ट्रोक्स
एक दिन, जब जोएल 7 वर्ष का था, तो सिकल सेल रोग के कारण उसे स्ट्रोक हुआ. इस पहले स्ट्रोक के कारण उसके शरीर का बांया हिस्सा प्रभावित हुआ, लेकिन वह अभी चल सकता था और बात कर सकता था. एक वर्ष के बाद, जब जोएल 8 वर्ष का था, तो उसे दूसरा स्ट्रोक हुआ. इस दूसरे स्ट्रोक के कारण वह अपने शरीर के बाएं हिस्से को हिला-डुला नहीं सकता था, और वह आंशिक रूप से लकवाग्रस्त हो गया- और साथ ही वह अब अपनी बोलने की क्षमता भी खो चुका था. जब जोएल बात करना चाहता है या उसके लिए प्रयास करता है, तो उसके मुंह से ध्वनियां निकलती हैं. वह मुस्कुराता है और “मां” कहने जैसी आवाज़ निकालता है. जोएल लोगों के साथ संकेतों और लिखित नोट्स के माध्यम से बातचीत करता है. शुक्र है वह अभी भी अच्छे से सुन सकता है.

जोएल की शिक्षा
जोएल द्वारा जिन स्ट्रोक्स की पीड़ा को वहन किया गया था, उसके कारण उसे 4 सालों तक एक ही कमरे में बंद रहना पड़ा और वह इन वर्षों में स्कूल नहीं जा सका. सौभाग्यवश, वह आज भी स्कूल जाने में समर्थ है, लेकिन ऐसा बिना सहायता के नहीं कर पाता है. मैं उसे हर रोज़ स्कूल ले जाती हूं और फिर उसे वापस लाती हूं. कभी कभी असमतल सतह पर चलने में जोएल को संघर्ष करना पड़ता है तथा कभी कभी उसे स्थिरता के लिए हाथों के सहारे की आवश्यकता पड़ती है, इसलिए मैं उसका हाथ पकड़ कर उसे स्कूल छोड़ आती हूं और फिर हाथ पकड़ कर ही उसे वापस ले कर आती हूं. मुझे जोएल की चिंता लगी रहती है, ये सोचकर कर कि यदि मैं उसकी देखभाल नहीं कर सकी, या मैं उसे स्कूल न ले जा सकी.

हमारा संघर्ष
यह बहुत ही अच्छी बात है कि जोएल, अपनी अशक्तताओं के वाबजूद अभी भी शिक्षा प्राप्त कर पा रहा है, लेकिन उसकी देखभाल करना वास्तव में बहुत ही कठिन कार्य है- उसे पैदल स्कूल ले कर जाना, खाना खिलाना, और उसे कपड़े पहनाना। जोएल की देखभाल का मेरे जीवन पर भी बहुत गहरा असर पड़ा है क्योंकि मुझे सारा समय घर पर उसकी देखभाल में बिताना पड़ता है. और उसके स्ट्रोक्स के कारण, मेरी नौकरी और आय भी चली गई, जिसके कारण हमें वित्तीय रूप से संघर्ष करना पड़ा. जोएल और मैं अपनी रोज़मर्रा की जिंदगी में सिकल सेल रोग के संदर्भ में सामना किए जाने वाले मुद्दों के संदर्भ में जो कुछ बेहतर कर सकते हैं, वह करते हैं. हमें कभी यह पता नहीं होता कि अगली जटिलता कब पैदा होगी तथा कभी यह पता नहीं होता कि जोएल को कब एक और स्ट्रोक हो जाएगा, जो कि कठिन कार्य है.

नाना की कहानी
25
एक्करा
घाना
मैं कौन हूं
मेरा नाम नाना है और मैं एक्करा, घाना में रहती हूं- एक ऐसा देश जिसमें मेरे विश्वास के अनुसार, पूरी दुनिया की तुलना में सिकल सेल रोग से पीड़ित सबसे अधिक लोग रहते हैं. जितना अधिक हम सिकल सेल रोग के बारे में बात करेंगे और अपनी कहानियों को साझा करेंगे, उतना ही हमारी बात को सुना और समझा जाएगा.
मेरी सिकल सेल कहानी
मुझे सिकल सेल रोग है और मुझे लंबी अवधि बिस्तर पर ही बितानी पड़ती है, जहां पर मैं रोगोपचार और विश्राम करती रहती हूं, जिसके कारण पैसा कमाने और अपनी जिंदगी जीने की मेरी संभावनाएं सीमित हो जाती हैं. इसे इस तरह से मान लीजिए कि एक जटिलता, जैसे दर्द के कारण अन्य जटिलताएं एक-एक करके पैदा होती रहती हैं. सिकल सेल रोग के साथ जुड़े कलंक के कारण मुझे कारखाने में बोदलबंद पानी के तकनीशियन की अपनी नौकरी गंवानी पड़ी. एक दिन, मैं बीमार हो गई, और जब मैं काम पर लौट कर आई, तो मेरी नौकरी चली गई थी. मेरे मालिक किसी ऐसे व्यक्ति के साथ काम करने का जोखिम नहीं उठाना चाहते थे जिसे बीमारी के कारण पीड़ा संबंधी तकलीफों की वजह से बहुत सा समय कार्य से दूर बिताना होगा. इस नौकरी के बिना मुझे जीवित रहने के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है.

कलंक को मेरा उत्तर
अनेक लोग अपने निदान को छिपाते हैं और इस बात के डर के साथ जिंदगी जीते हैं कि उनके साथ भेदभाव पूर्ण व्यवहार किया जाएगा और उन्हें कोई भी कभी नौकरी नहीं देगा. मेरा मानना है कि सिकल सेल रोग से पीड़ित लोगों को इसे छिपाने की बजाए मुक्त रूप से और बिना किसी पूर्वाग्रह के बात करने की शुरूआत करनी चाहिए. लोग इस तरह से व्यवहार करते हैं कि जैसे इससे पीड़ित होना शर्मिंदगी की बात है, और हमें एक प्रकार की देयता माना जाता है. इस रोग को छिपाने से इससे जुड़ा कलंक और भी अधिक बदतर हो जाता है. यदि लोग इतने साहसी होते कि वे खुले तौर पर इससे ग्रस्त होने के बारे में बात कर सकते, तो शायद रोग को बेहतर समझा जाता और शायद नियोक्ता यह मानते कि सिकल सेल के किसी भी रोगी को इस तरह से पीड़ा न उठानी पड़ती और संभवत: रोग के कारण वे अपने कार्य को सफलता न कर सकें, ऐसा न होता.

दुनिया को मेरा संदेश
हमें सहन करने की व्यवस्था को साझा करना चाहिए और इस संबंध में बात करनी चाहिए कि उन अंधकारमय दिनों में कैसा महसूस होता है, क्योंकि इस तरीके से हम ज़रूरत के समय दूसरों के लिए आशा और सुविधा प्रदान कर सकते हैं. मेरा मानना है कि सिकल सेल रोग के साथ जीवन जीना कोई मृत्यु दंड नहीं है. आपका जीवन किसी भी बात से बाधित नहीं होना चाहिए फिर चाहे आपको सिकल सेल रोग है अथवा नहीं. हमेशा सकारात्मक बने रहना याद रखें. सामान्य जीवन के लिए आशा की जा सकती है. यदि आपके पास उत्कृष्ट स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच है, तो आप काम कर सकते हैं, और जब आप काम करते हैं, तो आप अपनी और अपने परिवार की देखभाल के लिए कुछ आय अर्जित कर सकते हैं. आशा की जा सकती है. सबके लिए आशा मौजूद है.

योलान्दे की कहानी
35
पेरिस
फ्रांस
मैं कौन हूं
मेरा नाम योलान्दे है और मेरा जन्म पेरिस, फ्रांस में हुआ था. मेरे माता-पिता का मूल राज्य बेनिन, पश्चिमी अफ्रीका है. मुझे सिकल सेल रोग है जिसे मैं नदी की तरह मानती हूं. कभी कभी नदी उफान आ जाता है और आपको उथल-पुथल और तूफान का सामना करना पड़ता है
मेरी सिकल सेल कहानी
मेरी तीन बहनों में से सबसे बड़ी को भी सिकल सेल रोग है, जबकि मेरी अन्य दो बहनों में इसके गुण नहीं हैं. सिकल सेल रोग के साथ जुड़े मेरे पारिवारिक इतिहास के कारण, चिकित्सा दल मेरी मां की गर्भावस्था के दौरान मेरे सिकल सेल रोग का निदान करने में समर्थ रही थी. जब हम छोटे थे, तो मेरा परिवार बेनिन में रहने आ गया, लेकिन उन्हें फ्रांस वापस जाना पड़ा क्योंकि मेरी बहन की दशा बदतर हो गई थी. जब हम दूसरी बार बेनिन में आए, तो मैं बीमार हो गई, और हमें देखभाल प्राप्त करने के लिए एक बार फिर से फ्रांस वापस जाना पड़ा. मुझे कार्निवल, पार्टीज़ तथा स्कूल ट्रिप्स में जाने से रोका गया.
यह रोग तभी उभर कर सामने आता जब मौज मस्ती के कुछ क्षणों की योजना बनाई जाती थी. उस समय मैंने इस पर एक इकाई के रूप में विचार करना शुरू किया. यह चीज, सिकल सेल रोग. यह एक राक्षस, दानव की तरह है. जब मैं 13 वर्ष की थी, तो मेरी मां से तीसरी बार परिवार को बेनिन वापस ले जाने का प्रयास किया. हमने सावधानियां बरतीं, लेकिन मुझे हड्डी का गंभीर संक्रमण हो गया, जिसके कारण हमें जबरदस्ती वापस फ्रांस आना पड़ा.

मेरी शिक्षा और नौकरी की स्थिति
विश्वविद्यालय में मेरे पहले वर्ष के दौरान, मुझे अस्पातल में भर्ती किया गया और मैं अपनी परीक्षाएं नहीं दे सकीं. उस वर्ष को फिर से दोहराने की बजाए, मैंने अपने आप को परीक्षाओं में बैठने और उत्तीर्ण करने के लिए बहुत मजबूती से प्रेरित किया. मैने आगे बढ़ने के लिए गुस्से और पूर्ण प्रतिबद्धता का प्रयोग किया. अब मेरे पास 3 मास्टर डिग्री हैं और मैं 4 भाषाएं बोलती हूं, लेकिन मेरे पास अभी भी नौकरी नहीं है. यह अपमानजनक है, क्योंकि आपको एक सामान्य जीवन जीने के लिए संघर्ष करना पड़ता है, लेकिन आप खुद को ऐसी स्थिति में पाते हैं. कभी कभी नौकरी का न होना ऐसा लगता है जैसे विफलता हो और कभी-कभी मैं उम्मीद खो बैठती हूं. एक बार मैं अपने पसंदीदा कार्य के लिए नीदरलैंड्स में नौकरी कर रही थी, जिसके लिए महीने में कई बार यात्रा करनी पड़ती थी, जिसमें हवाई उड़ानें भी शामिल होती थीं. एक महीने चलने वाले पीड़ा संबंधी तकलीफ के कारण मुझे अपनी नौकरी गंवानी पड़ी जिसके कारण मुझे गंभीर चेस्ट सिंड्रोम हुआ और ऐसा उस समय हुआ जब मैं मार्टिनिके की यात्रा कर रही थी. समीपवर्ती सुविधा में मेरी 15 दिनों तक देखभाल की गई और मैं तत्काल हवाई यात्रा से वापस न जा सकी क्योंकि मैं बहुत कमज़ोर थी. हवाई यात्रा का तनाव जानलेवा हो सकता था या उसके कारण पीड़ा संबंधी एक ओर तकलीफ हो सकती थी. मुझे अपनी दशा को लेकर विशेष देखभाल करनी पड़ी क्योंकि यात्रा करने के तनाव से मेरा सिकल सेल रोग और भी अधिक बढ़ सकता था.

मेरी सहायता व्यवस्था
सिकल सेल रोग के साथ जी रहे लोगों को अपने आप को साबित करने के लिए अपनी नौकरियों में कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. हम हमेशा अपने आप को जांचते रहते हैं. हमने क्या गलत किया था? ऐसा क्यों हुआ था? यह वास्तव में आपके आत्म-स्वाभिमान के लिए बहुत ही बुरा है. मैं कभी बहुत आत्म-विश्वासी होती थी, लेकिन पीड़ा संबंधी तकलीफ के कारण मुझे अपना आत्मविश्वास फिर से पाने में संघर्ष करना पड़ा. मैं सौभाग्यशाली थी कि मेरे परिवार, मेरे मित्रों, तथा सिकल सेल समुदाय में अन्य लोगों ने मेरा पूरा साथ दिया. अब मैं फ्रेंच फेडरेशन ऑफ सिकल सेल एन्ड थैलेसीमिया पेशन्ट्स ऑर्गेनाईजेशन की प्रेसिडेंट हूं. फेडरेशन में अन्य रोगी मेरा विश्वास बढ़ाने के लिए सहायता कर रहे हैं. मुझे ऐसा लगता है कि सिकल सेल ने मुझे एक मजबूत व्यक्ति बना दिया है, और मेरे रोग के बावजूद जो कुछ भी मैने प्राप्त किया है, उन सभी के लिए मैं गर्व महसूस करती हूं.

दुनिया को मेरा संदेश
मैं रोगियों और उनके परिवारों को यह बताना चाहती हूं कि एक अच्छा समय आएगा. मैं उन्हें यह समझाना चाहती हूं कि आशा बनाए रखने, संघर्ष करने तथा जितना संभव हो सके जीवन का आनन्द लेने की अभी भी वजहें मौजूद हैं. मैं दुनिया और निर्णयकर्ताओं को यह कहना चाहती हूं कि : रोगियों और उनके परिवारों के प्रति अधिक सहानुभूति रखें. अधिक सहिष्णु बनें क्योंकि आपको यह कभी पता नहीं होता कि किसी व्यक्ति को कब अपने जीवन में किस प्रकार के संघर्षों का सामना करना पड़ सकता है.

एलोडी की कहानी
26
पेरिस
फ्रांस
मैं कौन हूं
मेरा नाम एलोडी है, और मैं 26 वर्ष की हूं तथा पेरिस, फ्रांस में रिसेप्शनिस्ट हूं. हर रोज़ मुझे सिकल सेल रोग का सामना करना पड़ता है, लेकिन मैं इसे खुद को आगे बढ़ने में बाधा नहीं बनने देती- मैं सिकल सेल योद्धा हूं.
मेरी सिकल सेल कहानी
जब मैं छोटी थी, तो आज की तुलना में मेरा अधिक समय अस्पताल में भी बीतता था. मैं हमेशा अस्पताल में ही रहती थी. कभी कभी महीने में दो बार. इससे हर चीज प्रभावित हुई थी. मेरा स्कूल. मेरे दोस्त. मेरे शौक. मेरा परिवार. मुझे पित्त संबंधी समस्याएं थीं, मुझे अग्नाश्य शोथ था, पीड़ा संबंधी तकलीफें भी होती थीं, और अन्य अनेक लक्षण थे जैसे सांस फूलना. मेरे कई ऑप्रेशन हुए और मैंने सोचा अब मेरे लिए बहुत हो चुका है. मैंने सोचा अब सब ठीक हो गया है. एक से अधिक सर्जरी, जिसमें 2011 में सबसे बड़ी सर्जरी हुई ती, के कारण मुझे ऐसे निशान छोड़ गई, जिनका बोझ मुझे अभी भी उठाना पड़ता है.

फिटनेस के प्रति मेरी कार्य प्रणाली
इन दिनों मेरा स्वास्थ्य पहले की तुलना में बेहतर है. अब मेरी सांस नहीं फूलती है.मुझ में बहुत ऊर्जा है और मुझे बहुत ही अच्छा लगता है. कुछ वर्ष पहले, मैंने चैन्सेल की अगुवाई में फिटनेस क्लास में भागीदारी की थी, जो कि पर्सनल ट्रेनर है संयोगवश जिसके भाई की छोटी आयु में ही सिकल सेल रोग के कारण मृत्यु हो गई थी, और हमने एक साथ मिल कर काम किया, ताकि मैं मजबूत बन सकूं. मैंने निश्चय कर लिया था कि मैं शारीरिक और मानसिक दोनों रूपों से सशक्त बन कर रहूंगी. अपने सभी स्कूली मित्रों की तुलना में मैंने देरी से किशौरावस्था में कदम रखा, इसलिए मेरा कद थोड़ा छोटा और उनमें मैं सबसे अधिक कमज़ोर थी, और इसी वजह से खेलकूद और फिट बने रहने के लिए मेरी गहरी रूचि पैदा हुई थी. मैं हैवी बॉल को स्विंग करती हूं, हैवी ट्रैक्टर टायरों को फ्लिप करती हूं और आसानी से एजिलिटी ड्रिल्स में भागीदारी करती हूं. मैं अपने शरीर में परिवर्तन होते हुए देख सकती हूं और मुझे अपने आप को मजबूत होने का अहसास होता है. और अब चेन्सेल की सहायता से मैं उसकी क्लास को चलाने में सहायता भी करती हूं.

मेरा सामाजिक जीवन
2011 के दौरान 4 महीनों की लंबी अवधि के दौरान, जिस दौरान मुझे सर्जरी के लिए अस्पताल में ठहरना पड़ा था, मैंने अपनी बीमारी, अस्पताल में रहने, और रिकवरी को सामाजिक मीडिया अकाउंट्स पर प्रस्तुत करने का निर्णय किया. सामाजिक मीडिया हमें एक बड़े परिवार की तरह जोड़ता है, और हम अपनी कहानियों को साझा कर सकते हैं, अनुभवों की चर्चा कर सकते हैं, नए लोगों से मुलाकात कर सकते हैं, और यह देख सकते हैं कि सिकल सेल रोग से पीड़ित अन्य लोग क्या कर सकते हैं. मैं वर्क आउट करते हुए अपने वीडियो और तस्वीरें साझा करती हूं ताकि यह साबित कर सकूं कि सिकल सेल रोग के साथ मैं आज भी एक स्वस्थ जीवन बिता सकती हूं और सिकल सेल रोग से पीड़ित अन्य लोगों को प्रेरित कर सकूं. मुझे इस तरह से खुद को प्रस्तुत करने और लोगों को अधिक प्रयास करने के लिए प्रेरित करने के रूप में प्रस्तुत करने में आनन्द मिलता है. मैं यह दिखाने की कोशिश करती हूं कि सिकल सेल रोग से ग्रसित होने का अर्थ यह नहीं है कि आप अपने सपनों को पूरा नहीं कर सकते हैं.

दुनिया को मेरा संदेश
अब, वर्षों बाद, मुझे यह समझ में आया कि संघर्ष हो सकते हैं, लेकिन जीवन में मैंने यह सीखा है कि जीवन में हार नहीं माननी है. मेरा मानना है कि यदि हम पिछड़ भी जाते हैं, तो भी हमें फिर से खड़ा होना है और आगे बढ़ना है. संघर्ष करना जारी रखें, कभी भी हार न मानें, और आप सफल होंगे. लेकिन आपको संघर्ष जारी रखना होगा और अपनी आशा को ऊंचा बनाए रखना होगा. यदि मैं ऐसा कर सकती हूं, तो आप भी कर सकते हैं. मुस्कुराते रहें.

डेम्बा की कहानी
32
पेरिस
फ्रांस
मैं कौन हूं
मेरा नाम डेम्बा है और मेरा जन्म फ्रांस में हुआ था. मैं ग्रांदे एपिसेरिए दे पेरिस में सहायक के रूप में काम करता हूं और पेरिस में रहता हूं, और यह काम मुझे सचमुच अच्छा लगता है. यह एक शानदार भवन है और काम करने के लिए बहुत ही अच्छी जगह है- इससे मुझे एक उद्देश्य प्राप्त होता है. मेरी आयु 32 वर्ष है और मैं सिकल सेल रोग से पीड़ित हूं, लेकिन मैं इससे स्वयं को हारने नहीं देता हूं.
मेरी सिकल सेल कहानी
जब मैं 6 महीने का था, तो मेरा निदान सिकल सेल रोग के साथ किया गया था. मैंने सिकल सेल से जुड़ी पीड़ा की अनेक तकलीफों को सहा है और पीड़ा के उपचार के लिए मैंने बहुत अधिक समय अस्पताल में बिताया है. अपने रोग की वजह से मैंने कई बड़ी सर्जरी करवाई हैं. मेरे पित्ताशय की सर्जरी की गई. मेरी प्लीहा को निकाल दिया गया, जब मैं सिर्फ 4 वर्ष का था. 2007 में, मेरे दिल की 2 बड़ी सर्जरी हुई. मेरी अति दुखदाई पीड़ा का वर्णन एकमात्र इस रूप में किया जा सकता है कि यह मांसपेशी में ऐंठन की तरह महसूस होती है, लेकिन यह सामान्य से 10 से 100 गुणा, या उससे भी अधिक ऐंठन होती है. इससे आप इस बात को बेहतर समझ पाएंगे कि किसी सिकल सेल रोग से पीड़ित व्यक्ति को पीड़ा की कितनी तीव्रता को सहन करना पड़ता होगा और उससे निज़ात पानी पड़ती होगी. जब तक आप में से कोई इसकी कल्पना न करे, इस पीड़ा का वर्णन नहीं किया जा सकता है.

मेरा परिवार
मैं एक बहुत परिवार से संबंध रखता हूं, मेरे 12 भाई और बहनें हैं. मेरे दो सहोदर भाई-वहन और 2 मेरे सौतेले सहोदर भाई-बहन सिकल सेल रोग से पीड़ित हैं. मेरा छोटा भाई और मैं, हम दोनों ही सिकल सेल रोग से पीड़ित हैं. हमारे माता-पिता के लिए, जब एक साथ इतने अधिक बच्चे पीड़ा संबंधी तकलीफ से जूझते हैं और सभी अस्पताल में होते हैं, तो यह उनके लिए तनावपूर्ण होता है. मैं खुद को समझाता हूं कि हर कार्य के पीछे कोई न कोई कारण होता है. भगवान के प्रति मेरा पूर्ण विश्वास और आस्था, और साथ ही मेरे परिवार और मित्रों का मेरे प्रति स्नेह और देखभाल, मुझे प्रेरणा देता रहता है.

मेरा मिशन
अपने खुद के शारीरिक और भावनात्मक संघर्षों के वाबजूद, मैं अपने काम को अपनी पूर्ण क्षमता के साथ करने और जब मेरे भाई बीमार होते हैं, तो उनकी देखभाल में अपने परिवार की सहायता करने का प्रयास करता हूं. मैं सिकल सेल रोग से पीड़ित बीमार बच्चों को देखने भी जाता हूं, जो अस्पताल में पीड़ा संबंधी तकलीफों को झेल रहे होते हैं. मुझे उनका मार्गदर्शक और मित्र बनना, तथा खुद के ज्ञान को साझा करना अच्छा लगता है. उनसे मुलाकात के दौरान, मैं यह बिलकुल सही बता सकता हूं कि बच्चे क्या महसूस कर रहे होंगे, और मैं अपनी पीड़ा को उनकी आंखों में देख सकता हूं. मैं उनके अनुभव को सुनता और अनुभव करता हूं, कि उन्हें कैसा लग रहा होगा और इससे वे भावनात्मक रूप से कैसे प्रभावित होते हैं. हम एक दूसरे को समझते हैं. मैं उन्हें बताता हूं कि जब वे निराश महसूस होते हैं, तो उन्हें हिम्मत जुटानी होगी और संघर्ष जारी रखना होगा. एक बार जब अंतत: आप फिर से मजबूत से खड़े हो जाते हैं, तो इससे आशा का संचार होता है, जिससे आपको जीवन यापन, जीवित रहने और रोग के साथ संघर्ष करने के लिए और भी अधिक संघर्ष करने की शक्ति मिल जाती है. इससे आप और अधिक वचनबद्ध होते चले जाते हैं कि आप अपने रोग से कहीं अधिक बड़े हैं. वे इस समय पीड़ित हैं, इसका अर्थ यह नहीं है कि आशा, सपनों से भरे अच्छे दिन और भविष्य में एक प्रसन्न, सफल जीवन जीने की संभावना नहीं होगी.

दुनिया को मेरा संदेश
रोगियों और उनके माता-पिता को यह बताना महत्वपूर्ण है कि वे इस संघर्ष में अकेले नहीं हैं. वे एकजुट हो सकते हैं, और ऐसा करके वे एक विशाल परिवार बना सकते हैं. कोई भी, कभी भी अकेला नहीं होना चाहिए. मेरा विश्वास है कि हम मिलजुल कर महान कार्य कर सकते हैं और हमें किसी को अकेला नहीं छोड़ देना चाहिए. मेरा मानना है कि सिकल सेल समुदाय एक बड़ा परिवार है जो एक दूसरे से वास्तव में सहायता कर सकते हैं.

लेइतितिया की कहानी
28
पेरिस
फ्रांस
हर काम”.
मैं कौन हूं
मेरा नाम लाईतितिया है और मैं 28 वर्ष की हूं. मैं पेरिस में रहती हूं, लेकिन मेरा जन्म मार्टिनिके में हुआ था. मैं एक उद्यमी हूं. मुझे सिकल सेल रोग है, लेकिन मैं उत्साहवान बनी रह कर और अपने पर भरोसा करके मैं इसे दूर कर पाई हूं.
मेरी सिकल सेल कहानी
जब मैं 10 वर्ष की थी, तो मुझे सिकल सेल रोग की गंभीर पीड़ा का अनुभव होना शुरू हो गया. मेरी मां ने अपना सब कुछ बेच दिया ताकि मेरे स्वास्थ्य की देखभाल के लिए मेरा परिवार मार्टिनिके से फ्रांस जा सके. जब मैं 12 वर्ष की थी, तो मुझे अवैस्कुलर नेक्रोसिस, जो कि सिकल सेल रोग से संबंधित हड्डियों की गंभीर जटिलता होती है. मुझे सर्जरी करवा कर दाएं कूल्हे में प्रोस्थेसिस प्रत्यारोपित करवाना पड़ा था.परिणामस्वरूप मैं चल नहीं पाती थी. यह बहुत ही कठिन था क्योंकि उस समय मैं अपने मित्रों के साथ मूवी देखना चाहती थी और बाहर जाना चाहती थी, लेकिन नहीं जा पाती थी. स्कूल में खेल के समय में हर कोई खेलकूद रहा होता था या दौड़ रहा होता था लेकिन, मैं ऐसा नहीं कर सकती थी. मुझे ऐसा लगता था कि मैं पीछे रह गई हूं क्योंकि मैं स्कूल की अन्य गतिवधियों जैसे इंटर्नशिप में भी भाग नहीं ले सकी थी. मुझे बहुत बुरा, निराशाजनक और बेकार लगता था- यह कि मेरा कोई मूल्य नहीं है.

मेरा संघर्ष
मेरी मां ने मुझे बताया कि मुझे फिर से चलना शुरू करना होगा, और धीरे-धीरे मैंने ऐसा कर लिया. यहां तक कि मैं बार-बार गिर जाती थी, मैं अपने आप को फिर से खड़ा कर लेती थी. मेजों और कुर्सियों को पकड़ कर मुझे अपने आप को सहारा देना पड़ता था, और यहां तक कि मुझे सहारे के लिए अपने भाईयों और बहनों को पकड़ना पड़ता था. एक वर्ष तक गहन कार्य के बाद, मैं चलना

मेरी उद्यमशीलता
मुझे अपने आप को ढ़ालना और नए सिरे से शुरू करना पड़ा. अब मैं एक उद्यमी हूं और मैने एक ऐप लांच किया है जो पूरी दुनिया में सिकल सेल रोग से पीड़ित लोगों को कनेक्ट करता है. 2 वर्ष के बाद, मैंने जो ऑनलाइन समुदाय तैयार किया है, उसमें 35 देशों के 2600 उपयोगकर्ता हैं, और यह संख्या अभी भी बढ़ रही है.

दुनिया को मेरा संदेश
मैं चाहती हूं कि हर किसी को यह पता लग जाए कि सिकल सेल रोग केवल काले लोगों को होने वाली बीमारी नहीं है, लेकिन यह गोरे लोगों को भी होती है. किसी को भी सिकल सेल रोग हो सकता है- यह लाटरी की तरह है, क्योंकि यह आनुवांशिक रोग है. मेरा यह मानना है कि सिकल सेल रोग से पीड़ित लोगों को वास्तव में अपने आप पर भरोसा करना शुरू करना चाहिए. मुझे व्यक्तिगत रूप से यह पता है कि आशा का त्याग करने की इच्छा से कैसा महसूस होता है. आपको आगे बढ़ते रहने की ज़रूरत है क्योंकि यदि हमने अपना मन बना लिया तो हम कोई भी काम कर सकते हैं.

जून की कहानी
36
लंदन
यूनाईटेड किंगडम
मैं कौन हूं
मेरा नाम जून है. मैं 36 वर्ष की हूं, मैं एनएचएस कमिशनिंग में काम करती हूं और मैं लंदन में रहती हूं. मेरा जन्म दक्षिण लंदन में हुआ था. लेकिन मैं नाईजीरिया में बड़ी हुई, जब मेरे माता-पिता यूके से नाईजीरिया चले गए थे. मैं युवावस्था में लौट कर यूके वापस आ गई और तब से मैं लंदन में ही रहती हूं. मुझे सिकल सेल रोग है, लेकिन इसके कारण मैंने अपनी “उपलब्धियों” को हासिल न किया हो, ऐसा नहीं है.
मेरी सिकल सेल कहानी
एक बार डॉक्टरों ने मुझे बताया कि मैं शायद 18वें जन्मदिन तक जीवित नहीं रहूंगी. मैंने उन्हें गलत साबित किया है, लेकिन मैंने 36 वर्षों तक असहनीय पीड़ा का सामना किया है.कल्पना करें कि कोई आपके सीने के बीचों बीच हथौड़े मार रहा है. लगातार. बिना रूके. यह बहुत क्रूर होता है. मैंने सिकल सेल से संबंधित जटिलताओं जैसे सिकल रेटिनोपैथी, जिससे मेरी नज़र प्रभावित हुई, गंभीर चेस्ट सिंड्रोम, जो मेरे फेफ़डों को क्षति पहुंचा रहा है, और अवस्कुलर नेक्रोसिस, जिसके कारण मुझे जल्द ही कूल्हा प्रतिस्थापन करवाना होगा, का सामना भी किया है. मैं अकसर थकान महसूस करती हूं और बिना चेतावनी के मुझे कई बार अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है. मैं कई बार स्कूल नहीं गई और अस्पताल में अपने बिस्तर पर बैठे हुए मुझे स्कूल के अधूरे काम पूरे करने पड़ते थे या फिर “स्कूल एट होम” के माध्यम से करना पड़ता था.
अस्पताल में अपने जीवन का इतना बड़ा हिस्सा बिताने से मेरे लिए यह मानसिक, भावनात्मक, और मनोवैज्ञानिक रूप से बहुत अधिक थकान कारक रहा है. रोजमर्रा की गतिविधियों को करना कठिन हो सकता है, जिसमें शारीरिक खेल कूद और स्कूली गतिविधियां शामिल हैं. मेरा कैरियर, मेरे रिश्ते, जीवन यापन की दशा, और यात्रा संबंधी अवसरों पर भी प्रभाव पड़ा है. मुझे इस बात की चिंता रहती है कि मैं अपनी पूर्ण संभावनाओं को प्राप्त करने में समर्थ नहीं हूं. लेकिन, फिर भी मैं अपने जीवन की अनेक उपलब्धियों का आनन्द लेती हूं, जिनका मेरे जीवन पर सकारात्मक प्रभाव रहा है और मुझ में आशा की किरण जागी है. मेरा एक स्नेहशील परिवार है और मेरा पार्टनर है जो मेरी बहुत सहायता करता है, मैंने 3 डिग्रियां हासिल की हैं, एनएचएस में कैरियर बनाया है, मैंने 41 देशों की यात्रा की है, एक पुस्तक प्रकाशित की है, और लंदन में सिकल सेल रोग से पीड़ित बच्चों और युवाओं का मैं मार्गदर्शन करती हूं.मुझे यह कहते हुए गर्व होता है कि मुझे यूके में सिकल सेल के साथ प्रेरणादायक वयस्क जीवन व्यतीत करने के लिए सिकल सेल सोसाइटी की तरफ से 2017 में फ्लोएल्ला, बेंजामिन लाइफ एचीवमेंट से पुरस्कृत भी किया गया था.
नाईजीरिया में मेरा अनुभव
नाईजीरिया में रोग के प्रति नासमझी के कारण नाईजीरिया में कठिनाईयां अधिक हैं. नाईजीरिया के कुछ समुदायों में कुछ कलंक जुड़ा है या कुछ लोग ऐसे हैं जो सिकल सेल रोग के साथ जन्म लेने वाले बच्चे को “छोड़ देते हैं” क्योंकि उनका यह मानना है कि उनकी जल्दी ही मृत्यु हो जाएगी. लोगों को अकसर यह स्वीकार करते हुए शर्म आती है कि उनको सिकल सेल रोग है क्योंकि इसके साथ भेदभाव और कलंक जुड़ा है. बहुत से लोग, विशेष रूप से नाईजीरिया के ग्रामीण इलाकों में बच्चों की सिकल सेल की जांच ही नहीं की जाती है, और उनको पता ही नहीं चलेगा कि उनको यह बीमारी है जिसके कारण कम आयु में ही उनकी मृत्यु हो जाती है. इससे भी सहायता नहीं मिलती कि नाईजीरिया में स्वास्थ्य देखभाल मुफ्त नहीं है, इसलिए निर्धन लोग स्वास्थ्य देखभाल प्राप्त नही कर सकते हैं जिसके कारण उन्हें बहुत अधिक कष्ट उठाने पड़ते हैं. मैं सौभाग्य शाली थी कि मुझे देखभाल प्राप्त हुई.
शीर्ष तक पहुंचने की मेरी यात्रा
मैं हमेशा अपने विकार की पीड़ा से कुछ महान हासिल करना चाहती थी. अक्तूबर 2017 में, मैं छुट्टियां बिताने के लिए श्री लंका गई थी. सिगिरिया में, एक विख्यात चट्टान है जो 180 मीटर ऊंची है. परिणामों और कठिनाई की जानकारी होने के बावजूद, मैं चट्टान पर चढ़ने का पक्का निश्चय कर लिया था. मेरे पार्टनर की सहायता और प्रोत्साहन से, मैंने यह किया था! यह सामान्य व्यक्तियों के लिए पहाड़ी है, लेकिन मेरे लिए यह एक विशाल पर्वत की तरह थी. मेरे लिए यह माउंट एवरेस्ट थी.

दुनिया को मेरा संदेश
मैं चाहती हूं कि दुनिया इस दशा की गहराई को समझे, इस दशा के साथ रहने वाले लोगों को सहायता प्रदान करे- फिर चाहे वे नीति निर्माता हों, सरकार हो, शोध, स्वास्थ्य और सामाजिक देखभाल, परिवार, शिक्षा, ओक्यूपेशनल सेक्टर, समुदाय या व्यक्ति ही क्यों न हों.

एम्मानूएल की कहानी
41
क्रोएडोन
यूनाईटेड किंगडम
मैं कौन हूं
मेरा नाम एम्मैनुअल है और मैं 41 वर्ष का हूं. मैं यूनाईटेड किंगडम में बड़ा हुआ और क्रोयडोन में पर्सनल ट्रेनर के रूप में काम करता हूं. मुझे सिकल सेल रोग है और इसकी वजह से मुझे शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से प्रभावित होना पड़ा. मैंने निरन्तर अपने संघर्ष को जारी रखने के लिए मजबूती खोजने की कोशिश की और इस आशा के साथ भविष्य के प्रति सकारात्मक बना रहा कि मैं सिकल सेल रोग से पीड़ित अन्य रोगियों को भी ऐसा ही करने के लिए प्रेरित करूंगा.
मेरी सिकल सेल कहानी
सिकल सेल रोग ने मुझे शारीरिक रूप से प्रभावित किया है, और मेरे जोड़ों में गंभीर पीड़ा होती है, जिसमें मेरे कंधे, टांगे और सीना शामिल हैं. मैं अपने कंधे में होने वाले 2 ऑप्रेशन की प्रतीक्षा कर रहा हूं. सिकल सेल रोग के कारण मेरी बांई आंख की नज़र भी चली गई है. 11 वर्ष की आयु में, मुझे ऐसा लगा कि मेरी मृत्यु हो जाएगी, जब मेरे दिल ने काम करना बंद कर दिया, और मेरे दिल ने धड़कन रूक गई थी. मुझे जल्दी से आईसीयू वार्ड में ले जाया गया, और मुझे याद है कि मैं अपने आप को देख रहा था, पूरी तरह से देख रहा था- ऐसा लग रहा था कि मैं शरीर से बाहर निकल कर खुद को ही देख रहा था, क्योंकि इस अवधि के दौरान मैं बेहोश था. मुझे लगता है कि एक कारण है, उद्देश्य है, जिसकी वजह से मैं जीवित रहा- कि इस धरा पर मेरा एक उद्देश्य है, और मुझे दूसरो को प्रेरित करने के लिए अपने अनुभवों का इस्तेमाल करने की आवश्यकता है. पीड़ा संबंधी तकलीफ मुझे आखिरी बार लगभग 18 महीने पहले हुई थी और इसमें मेरे दाएं कंधे में पीड़ा हुई थी.

मेरा संघर्ष
मैंने स्वयं सिकल सेल से संबंधित कलंक को झेला है. मैंने अपने रिश्तों में कठिनाई का अनुभव किया है क्योंकि मेरे पार्टनर को मेरा रोग बहुत भारी लगता था. मेरे साथ मेरे पिछले पार्टनर की मनोवैज्ञानिक पीड़ा मुझे बताती है कि वह मेरे साथ हो सकती थी, कि मेरी दशा बहुत ही तनावपूर्ण थी, और यह कि मैं विकलांग हूं, इसलिए यह अच्छा विकल्प नहीं है, इस बात से पीड़ा होती है. इसके अलावा, कलंक के कारण, मुझे उपचार देने से इंकार किया गया जब मुझे असहनीय पीड़ा हो रही थी.ये डॉक्टर कभी कभी मुझे मेरी पीड़ा की दवाई नहीं देते थे, यह सोच कर कि शारीरिक रूप से मैं सिकल सेल रोगी दिखाई नहीं देता क्योंकि मेरा स्वास्थ्य “उत्कृष्ट” नज़र आता था. कुछ अस्पतालों ने तो मुझे नशीली दवाएं चाहने वाले के रूप में भी सूचीबद्ध कर दिया था.

मेरा एथलेटिक जीवन
मेरे लिए जितना संभव हो सके स्वस्थ रहना बहुत महत्वपूर्ण है. बचपन में मुझे बताया गया कि मैं बहुत कमज़ोर हूं और यह कि मुझे खेलना कूदना नहीं चाहिए या मुझे तनावकारक गतिविधियां नहीं करनी चाहिए या सर्दी में बाहर नहीं जाना चाहिए. लेकिन, मैं दूसरों की तरह ही बनना चाहता था, यदि उनसे बेहतर न सही, इसलिए मैं रग्बी, फुटबाल, या एथलेटिक्स खेलता था. आत्म विश्वास पैदा करने के लिए मैंने 18 वर्ष की आयु में बॉडी-बिल्डिंग शुरू की. दूसरे रोगियों को प्रेरित करके हर तरह के कठिन समय के दौरान मैंने अपनी सोच को सकारात्मक बनाए रखा। मुझे नहीं मालूम कि मुझे सिकल सेल क्यों है और क्यों मुझे इस दौर से गुजरना पड़ा, लेकिन मैं इसका इस्तेमाल दूसरों को प्रेरित या शिक्षित करने के लिए कर सकता हूं, न कि इसे एक अभिशाप मान लूं. मैंने सिकल सेल को भार की बजाए, हमेशा ही एक आशीर्वाद माना है. मैं मार्गदर्शन करता हूं, प्रशिक्षक हूं, और शारीरिक गतिविधियां जैसे बाक्सिंग, गेम ऑफ टैग, और बाल गेम्स करते समय मैं बच्चों को सलाह और दिशा निर्देश देता हूं. मेरे लिए अब तक की सबसे अच्छी बात है और यह मेरी कमजोरी की विशेषता है. इससे मुझे युवावस्था और जीवन्तता का अहसास होता है. यह वास्तविक आशीर्वाद है जो मुझे मिला है. मैं उनका मार्गदर्शन करना चाहता हूं ताकि वे सीख सकें और लंदन में बड़े होने के दौरान जो गलतियां मैंने की हैं, वे न करें.

दुनिया को मेरा संदेश
मैरी चाहत है कि सिकल सेल रोग को अधिक स्वीकार किया जाए ताकि रोगियों पर अत्याचार न किया जाए और उनके साथ ऐसा व्यवहार न किया जाए जैसे कि वे अपराधी हैं या वे नशा करते हैं। मेरी इच्छा है कि मेरे साथियों को यह समझे कि वे अकेले ही पीड़ा नहीं उठा रहे हैं बल्कि मुझे भी उनकी पीड़ा महसूस होती है। मेरी इच्छा है कि वे यह समझें कि वर्तमान में जो वे पीड़ा सहन कर रहे हैं, वह शरीर की है, और संभव है कि जिस चुनौती के साथ वे संघर्ष कर रहे हैं, यह उनकी आत्मा की परीक्षा है। आपकी आत्म शक्ति बहादुर, निर्भीक, धैर्यवान और लचीली रही है, और आपने साहस बनाए रखा है और इस रोग से आगे निकलने के प्रति वचनबद्ध रहे हैं। आखिर में ये सभी बातें सही साबित होंगी। आपको किसी खास उद्देश्य के लिए तैयार किया जा रहा है और भगवान द्वारा तय समय पर सब कुछ सामने आएगा।

अहमद की कहानी
28
मनामा
बहरीन
मैं कौन हूं
मेरा नाम अहमद है. मेरी आयु 28 वर्ष की है, और मैं मनामा, बहरीन में रहता हूं। मुझे सिकल सेल रोग है. मेरी बहन में भी यही गुण हैं और मेरा एक बड़ा भाई है, जिसको सिकल सेल रोग नहीं है. हालांकि मुझे यह रोग है, लेकिन मुझे आकर्षक कला का सृजन करने के अवसर मिल ही जाते हैं, जिनका प्रयोग मैं अपने आप को स्थिर करने और अपने जीवन को नियंत्रित करने के लिए करता हूं.
मेरी सिकल सेल कहानी
मुझे पहली बार जब मैं 5 साल का था तो उस समय पीड़ा संबंधी तकलीफ का सामना करना पड़ा था. कभी-कभी, सिकल सेल रोग के कारण पीड़ा मेरे शरीर के एक ही हिस्से में बनी रहती है. हर बार जब मैं अपनी टांगों पर वजन डालता हूं, तो मुझे गंभीर पीड़ा होती है और मुझे चलने के लिए बैसाखियों की जरूरत होती है. पीड़ा बहुत ही भयानक होती है. मुझे ऐसे लगता है कि कोई मुझे बार बार हथौड़े से पीट रहा है. मैं सिविल इंजीनियर के रूप में काम कर रहा था और अपने कैरियर में कई वर्षों के बाद, मुझे इसे छोड़ना पड़ा. सिकल सेल रोग के कारण मेरे लिए काम करना कठिन हो गया था. मेरे हाथों, टांगों, और घुटनों में पीड़ा के कारण मैं लंबी अवधि तक डेस्क पर नहीं बैठ सकता. मेरा मानना है कि सिकल सेल रोग मानसिक और सामाजिक रोग दोनों ही है क्योंकि यह शरीर संबंधी रोग है. इसका संबंध शारीरिक पीड़ा से नहीं है; यह मानसिक प्रताड़ना है. इसकी वजह से आपको समाज से बाहर निकाल दिया जाता है. इससे आपको शारीरिक रूप से पीड़ा होती है, लेकिन प्रताड़ना मानसिक रूप से झेलनी पड़ती है.

मेरी कला और ध्यान साधना
अब मैं फ्रीलांस आर्टिस्ट के रूप में काम करता हूं. मैंने अपना पूरा जीवन पीड़ा के साथ बिताया है और सिर्फ अपने आर्टवर्क की वजह से ही मैं जीवित रहा हूं. मुझे अहसास हुआ कि ड्राईंग मेरी थेरेपी की तरह ही है. मैं अपनी पीड़ा की शिकायत करने, हार मान लेने, या कुछ न करने की बजाए इसे कला के आकर्षक चित्रों में परिवर्तित कर देता हूं. इसका थेराप्यूटिक प्रभाव होता है और मेरा ध्यान बांटने में यह कुछ सकारात्मक भूमिका निभाती है. कुछ सृजन करने पर ध्यान केन्द्रित करके, यह मुझे पीड़ा की दुनिया से दूर ले जाता है. मुझे पीड़ा और बहुत अधिक समय बिस्तर पर ही बिताने की आदत पड़ गई है. जब मैं बिस्तर पर पड़ा रहता हूं तो मैं उस समय का उपयोग ध्यान लगाने के लिए करता हूं. इससे मुझे सिकल सेल रोग के साथ मेरे दिमाग में उठने वाली नकारात्मकता को दूर करने में मदद मिलती है और मेरे दिमाग में सृजनात्मक परियोजनाओं को विकसित करने के लिए जगह मिल जाती है. यह ऐसा है कि मिट्टी लेकर उन्हें मास्टरपीस में परिवर्तित कर दिया. इससे मुझे शांति मिलती है.

अवसाद के साथ मेरा संघर्ष
मैंने अवसाद के साथ संघर्ष किया है. अब मैं मुस्कुरा सकता हूं, लेकिन मेरे जीवन में बहुत अधिक पीड़ा दायक और अवसाद के क्षण भी रहे हैं, जब मुझे इस रोग के साथ जीवन बिताने में बहुत कठिनाई महसूस होती थी. जब पीड़ा असहनीय बन जाती है, तो मैं अपने बाहर जाकर अपने मित्रों के साथ सामाजिक रूप से घुल मिल नहीं सकता. इसके कारण बहुत अकेलापन होता है. जीवन का उज्जवल पक्ष देखना बहुत कठिन हो जाता है. आर्ट से सुनिश्चित रूप से सहायता मिलती है, क्योंकि इससे मेरा अवसाद दूर हो जाता है.

दुनिया को मेरा संदेश
मैं आशा करता हूं कि हर वह व्यक्ति जो सिकल सेल रोग से संबंधित पीड़ा के साथ संघर्ष करता है, वह अपनी प्रतिभा को खोज सकता है. इसका अभ्यास करें और इसे अपनाएं, ताकि आप कभी भी अवसाद ग्रस्त न हों. इससे आपको पीड़ा का सहन करने में सहायता मिलती है. मेरी पीड़ा और सिकल सेल रोग के साथ जीवन यापन, का अनुमान नहीं लगाया जा सकता है और यह उथल-पुथल करने वाला हो सकता है, लेकिन मुझे लगता है कि कला का सृजन, एक ऐसा काम है जिससे मुझे नियंत्रण और शांति की अनुभूति होती है. मुझे ऐसा लगता है कि परिस्थितियां मेरे नियंत्रण में हैं. मुझे ऐसा लगता है कि मैं इस सुंधर धरा का सृजनकर्ता हूं जो कि कैनवास है, मैं जीवन प्रदाता हूं.

मनाहिल की कहानी
36
आली, मनामा
बहरीन
मैं कौन हूं
मेरा नाम मैनाहिल है और मेरी आयु 36 वर्ष की है. मेरा जन्म और पालन पोषण बहरीन की राजधानी मनामा में हुआ, जब मेरा निदान सिकल सेल रोग से किया गया था. अपने रोग के कारण, मैं अब अपनी दांई बाजू का सीमित उपयोग ही कर पाती हूं, लेकिन मैं इससे हार मानने वाली नहीं हूं. कड़ी मेहनत के साथ, आत्म-विश्वास, प्रतिबद्धता, समर्पण और सकारात्मक सोच के साथ मैं महान उपलब्धियां हासिल कर सकती हूं.
मेरी सिकल सेल कहानी
जब मैं 1 महीने की थी, तो डाक्टरों ने मेरा मां को बताया कि मैं बीमार हूं और जीवित नहीं बचूंगी. मेरा बचपन मेरे जीवन का सबसे कठिन समय था. मुझे लगता ही नहीं की कभी मेरा बचपन रहा होगा. मैं अस्पताल में बड़ी हुई और मेरे सुरक्षा के लिए हर काम प्रतिबंधित था: “पैदल न चलो, खेलो नहीं, मिठाई न खाओ, ऐसा न करो, वैसा न करो”. मैं अपने कंधे में हड्डी के दर्द और अपनी आंखों में रेटिना की क्षति से पीड़ित हूं. सिकल सेल रोग के कारण होने वाली मेरी पीड़ा बहुत ही निर्मम है. पीड़ा और पीड़ा, साथ ही बस पीड़ा. यह कभी खत्म नहीं होती है. 2002 में पीड़ा संबंधी सबसे बदतर तकलीफ हुई थी जब मैं अपनी बहन की शादी की पार्टी के लिए तैयारी कर रही थी. अचानक मुझे अपने बाएं हाथ में पीड़ा महसूस हुई और आधे घंटे के बाद, मेरी कोहनी सूज गई थी. यह लगातार बनी रही. साथ ही यह मेरे पूरे शरीर में होने लगी. 3 घंटों के बाद, मेरे परिवार ने एम्बुलेंस बुलाई क्योंकि मैं कमज़ोर थी और सांस लेने में मुझे कठिनाई हो रही थी. मैं बहुत डरी हुई थी. मैं 2 सप्ताह तक गहन चिकित्सा देखभाल में रही. एक महीने के बाद, मुझे अंतत: अस्पताल से छुट्टी दी गई. मैं बहुत सौभाग्यशाली हूं कि मैं जिंदा हूं.

मेरी बहन
मेरी बहन अजहर, जिसे सिकल सेल रोग था, लेकिन पीड़ा संबंधी गंभीर तकलीफ को झेलने के बाद दुर्भाग्यवश उसकी मृत्यु हो गई. मुझे बहुत दुख हुआ क्योंकि हम दोनों में बहुत गहरा स्नेह था. उसकी याद और उसके प्रति समर्पण के लिए, उसने जो आभूषण मुझे दिए थे, उन्हें मैं आज भी वार्डरोब मे रखती हूं, और फूलों को मैं अपने घर में रखती हूं, क्योंकि उसके नाम का अर्थ फूल था.

मेरी स्वप्निल नौकरी और घर
मेरे अध्यापकों ने मुझे बताया कि जो कुछ भी मैं करना चाहती हूं, वह मैं प्राप्त नहीं कर पाऊंगी, क्योंकि मुझे सिकल सेल रोग है और मुझे बस घर में रहना चाहिए. मैंने निर्णय किया कि मैं उनकी बातों पर ध्यान नहीं दूंगी क्योंकि आपको अपने सपनों को सच करना है. मेरा सपना एक इंजीनियर बनना था और अपने और अपने परिवार के लिए एक घर का निर्माण करना था- और यही मैंने किया भी! मैं निरन्तर प्रयत्नशील रही और सफल रही. मैंने 7 वर्ष तक कड़ी मेहनत, ध्यान केन्द्रित किया, समर्पित रही और वित्तीय कठिनाई का सामना करने के बाद भी अपनी यूनिवर्सिटी डिग्री हासिल की. मैंने अकसर अपने पिता और माता को यह सुना था कि वे दोनों चाहते थे कि काश वे अपना घर बना सकते. उनका सपना बड़ा होता चला गया, लेकिन वास्तविक समस्या पैसे की थी. जब मैंने यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन पूरी की, तो मैंने अपने आप से वादा किया कि मैं उनकी इस सपने को पाने में सहायता करूंगी. मुझे दोनों तरफ आने जाने के लिए 2.5 घंटे यात्रा करनी पड़ती थी, वो भी रेगिस्तानी रास्ते में ताकि मैं सऊदी अरब पहुंच सकूं, लेकिन मैं अपने माता-पिता के सपनों के लिए बचत कर सकी, डिज़ाइन तैयार किया, और उनके लिए घर का निर्माण किया. और मैंने घर की अधिकांश वस्तुओं को अपने हाथों से ही तैयार किया है. स्कूल में आपके पास अपने अध्यापकों की बात सुनने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं होता है. आपको लगता है कि जो कुछ वे कह रहे हैं, वह महत्वपूर्ण है, लेकिन मैं अपने अध्यापक की बात को गलत साबित कर पाई और उन्हें यह दिखाया कि वास्तव में मैं क्या हासिल कर सकती हूं. मेरा काम अभी यहां समाप्त नहीं हुआ है. मैं अध्ययन जारी रखने की योजना रखती हूं, अपने कैरियर को आगे बढ़ाना जारी रखना चाहती हूं, और अपने परिवार के लिए के एक अलग से घर बनाने की योजना रखती हूं.

दुनिया को मेरा संदेश
मैं अन्य युवा रोगियों के साथ एक संदेश साझा करना चाहती हूं। हमेशा अपने जीवन का आनन्त लेना याद रखें. आपके सपनों को पूरा करना कोई नहीं रोक सकता. आपके पास रंग करने के लिए ब्रश है, इसलिए, अपने जीवन में रंग भर लो. मैनाहिल ने ऐसा किया, तो आप भी कर सकते हैं! कभी भी न यह न भूलें कि आप एक सितारा हैं.

जकारिया की कहानी
45
मनामा
बहरीन
मैंने योद्धा बनना चुना”.
मैं कौन हूं
मेरा नाम जकारिया है और मुझे सिकल सेल रोग है. मैं न केवल सिकल सेल रोगी हूं, बल्कि मैं बहरीन सोसाइटी फॉर सिकल सेल एनिमिया पेशन्ट केयर का चेयरमैन भी हूं. सिकल सेल के कारण मैंने अपने जीवन में थोड़ी हार देखी है, लेकिन मैंने बहुत कुछ सीखा है. मैं बुद्धिमत्ता सीखी. मैंने अपनी मानवता को अर्जित किया. सिकल सेल रक्ताल्पता ने मुझ से कुछ सरल चीजें छीन लीं लेकिन उनकी तुलना में बहुत कुछ दिया है.
मेरी सिकल सेल कहानी
मेरे दोनो कूल्हों की सर्जरी हो चुकी है और उनका बदला जा चुका है, दोनों कंधों के संयुक्त आप्रेशन हुए हैं, और मेरी रीढ़ की हड्डी की 7 हड्डियों को फिर से तैयार किया गया है, मेरे पित्ताशय को निकाला जा चुका है. मैं हर 8 हफ्ते में रक्त बदलवाने के लिए अस्पताल में जाता हूं. सिकल सेल रोग के साथ, मैं 11 बार मौत के मुंह में जाने का अनुभव ले चुका हूं. आईसीयू में मेरी अंतिम मुलाकात के दौरान, मुझे पूरा भरोसा था कि अब मेरा अंत निश्चित है. मेरे अंतिम समय की तैयारी के लिए मैंने अपने परिवार, सहयोगियों और मित्रों से अंतिम विदाई ली. लेकिन चमत्कारिक रूप से, मैं जीवित बच गया और मेरे डाक्टर भी हैरान थे. मैने अपने कमरे में सफेद प्रकाश को देखा, लेकिन किसी तरह से फिर भी मैं जीवित बच गया. जब मैं छोटी उम्र का ही था, तो डाक्टरों ने मेरे परिवार को बोला कि सिकल सेल रोग के कारण मैं किशोरावस्था तक ही जीवित रहूंगा. और फिर बाद में, जब मैं वयस्क हो गया, तो मुझे बताया गया कि मेरे 42 वर्ष के बाद जीवित रहने की संभावना नहीं है. अब मेरी उम्र 45 वर्ष की है और मैंने अपने परिवार को एक वादा किया था कि मैं उदासी के साथ नहीं बल्कि स्नेह और प्रसन्नता पूर्वक 75 वर्ष तक जिंदा रहूंगा, और मैं उसे निभा रहा हूं.

मेरा संघर्ष
मेरे दृढ़ निश्चय के बावजूद, मुझे अपनी नौकरी और पदोन्नति खोने का संघर्ष करना पड़ा. मुझे अपना काम करने के लिए उचित प्रशिक्षण प्रदान नहीं किया गया क्योंकि मुझे सिकल सेल रोग था. समाज किसी सिकल सेल रोग पीड़ित से उसके कार्य और कार्य करने की योग्यता को छीन सकती है. सिकल सेल रोग के साथ एक कलंक जुड़ा है, जिसे भिन्न भिन्न लोगों के साथ अलग-अलग रूपों से अभ्यास में लाया जाता है.
मेर अनुभव के अनुसार, लोगों को सिकल सेल रोग से संबंधित सबसे अधिक कलंक अस्पतालों में सामना करना पड़ता है. मुझे डाक्टरों को अपनी पीड़ा के बारे में राजी करना पड़ता था. कभी कभी मुझे ऐसे ही वापस भेज दिया जाता था क्योंकि उन्हें संदेह होता था कि मैं नशेड़ी हूं, हालांकि मुझे सच में सहायता की ज़रूरत होती थी. कुछ लोगों ने अपने आप को यह अधिकार दे दिया है कि वे हमारी पीड़ा का निर्णय कर सकें. इस कलंक के कारण मैंने अपने बहुत से सहयोगियों को खोया है.

मेरा जीवन वृक्ष
बहरीन में एक आकर्षण है जिसे “जीवन वृक्ष (दि ट्री ऑफ लाइफ”) कहा जाता है, उसका मेरे लिए एक बहुत विशेष अर्थ है. यह 400 वर्ष पुराना है और इसे रेगिस्तान में अकेला देखा जा सकता है, और गर्मी के बावजूद यह अधिक मजबूत होता जा रहा है और जीवित भी है. इसने जीवन के प्रति खुद को ढ़ाल लिया है और प्रतिकूल मौसम संबंधी दशाओं के वाबजूद जीवित बने रहने के लिए संघर्ष किया है. मुझे लगता है कि सिकल सेल रोग के साथ मेरे अनुभव, उस जीवन वृक्ष के समान ही हैं.

दुनिया को मेरा संदेश
बहरीन सोसाइटी फार सिकल सेल एनेमिया पेशन्ट केयर के चेयरमैन की पेशेवर भूमिका के तौर पर मुझे यह अहसास हुआ है कि हर कोई अपनी मौत के लिए खुद जिम्मेवार होता है. इस समुदाय को शिक्षित करने के लिए कड़ी मेहनत करते हुए, सहायता साझा करते हुए, और प्यार और सकारात्मकता का संचार करते हुए, हम इस समुदाय की उत्तरजीविता के लिए मिलजुलकर हम एक मजबूत नींव का निर्माण कर सकते हैं. मुझे आशा है कि हम बहरीन में सिकल सेल रक्ताल्पता से पैदा होने वाली आखिरी पीढ़ी होंगे. मुझे आशा है कि बहरीन आनुवांशिक रोगों से रहित एक राष्ट्र होगा. हमें पूरी दुनिया में इस रोग की पीड़ा से मुक्त करने के लिए कार्य करना चाहिए.

टेओन्ना की कहानी
27
बाल्टीमोर
अमरीका
मैं कौन हूं
मेरा नाम टेओन्ना है और मेरी उम्र 27 वर्ष की है. मुझे सिकल सेल रोग है और मेरे सभी जोड़ों में अवस्कुलर नेक्रोसिस है, जिसके कारण मेरे 4 बार कूल्हे प्रतिस्थापन किए गए हैं. हालांकि सिकल सेल रोग के साथ जीवन जीने से जुड़ी सभी जटिलताओं से मैं गुजरी हूं, लेकिन इसके कारण मैं अपने समुदाय में दूसरों की मदद करने और स्थाई परिवर्तन करने में कभी पीछे नहीं हटी.
मेरी सिकल सेल कहानी
सिकल सेल रोग के साथ बड़ा होना कठिन था. कभी कभी तो मैं महीनों तक स्कूल नहीं जा पाती थी और सिकल सेल के कारण होने वाली पीड़ा संबंधी तकलीफों की वजह से मैं अपने प्रोम में भी भाग नहीं ले सकी. डेटिंग के संबंध में मेरी सोच यह है कि यदि व्यक्ति को पहली डेट पर ही यह नहीं पता कि सिकल सेल रोग क्या है, तो मुझे लगता है कि यह आगे नहीं बढ़ पाएगा. यह सफल नहीं होगा. जब मैं दो वर्ष की थी तो मुझे पहली बार सिकल सेल रोग संबंधी जटिलता हुई थी. यह यादें बचपन की हैं. जब सर्दी होती है, और सिर्फ बाहर जाने के विचार से ही मैं निराश हो जाती हैं क्योंकि इससे सिकल सेल रोग संबंधित तकलीफ पैदा हो सकती है. मैं भाग्यशाली हूं कि मेरे परिवार का इतना बड़ा समर्थन मेरे साथ है. जब मैं छोटी थी, तो मेरी दादी को हर सर्दियों में मुझे अपने भाई के साथ बाहर खेलने देने में डर लगता था, लेकिन वह बाल्टी में भरकर ताज़ी बर्फ ले आती थी ताकि मैं स्नोमैन बना सकूं. मेरी दादी यह सुनिश्चित करना चाहती थी कि जैसे बिना सिकल सेल रोग वाले बच्चे हर बात का आनन्द लेते हैं, वैसे मैं भी ले सकूं ताकि मुझे अपने बचपन के प्रति कोई शिकायत न रहे.

सिकल सेल एम्बेस्डर के रूप में मेरा समर्थन
मेरे में स्वभाविक तौर पर नेतृत्व के गुण हैं और सिकल सेल समुदाय में मैं एक सक्रिय एडवोकेट हूं. मुझे पूरी दुनिया में सिकल सेल रोग से पीड़ित लोगो जैसे अफ्रीका से संदेश मिलते हैं जिनमें मुझ से सलाह, सहायता और समर्थन का अनुरोध किया जाता है. मुझे इस बात का उल्लेख करते हुए गर्व है कि इस समुदाय में लोग मेरा विश्वास करने लगे हैं. यहां तक कि जब मैं भावनात्मक रूप से संघर्ष कर रही होती हूं या अपने ही रोग से ग्रसित होती हूं, तो भी मैं कोशिश करती हूं कि मेरा उत्साह बना रहे और दूसरे सिकल सेल योद्धाओं की सहायता से मुंह नहीं मोड़ती हूं. हमें एकजुट रहना है.

प्रेसिडेंट के रूप में मेरे अनुभव
मेरे जीवन की मुख्य बातों में पहली अफ्रीकी अमरीकी प्रथम महिला, यानि मिशेल ओबामा के साथ समय बिताना शामिल है। मैं सौभाग्यशाली हूं कि मुझे 3 बार अलग-अलग अवसरों पर व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया गया। मिशेल ओबामा ने मुझे एक पत्र भी लिखा. उन्होने कहा कि वह और राष्ट्रपति मेरी आशा और अपने राष्ट्र के भविष्य के प्रति आशावाद के साथ हैं और देश के रूप में हमारा बल मेरे जैसे भागीदारी करने वाले नागरिकों के मिलजुलकर काम करने में निहित है. उन्होने मुझे आने वाले महीनों और वर्षों में अपने समुदाय की सहायता करने के नए तरीकों की खोज करने के लिए प्रोत्साहित भी किया

दुनिया को मेरा संदेश
मेरा यह मानना है कि अभी भी अमरीका में हमारे समुदाय में बहुत सारी अधूरी ज़रूरते तो हैं लेकिन ऐसा पूरी दुनिया में व्याप्त है. यह हमारा कार्य है कि हम इस बात को उठाएं और उसका समर्थन करें तथा यह सुनिश्चित करें कि हमारी बातों को सुना जाता है. हम बहुत कुछ कर सकते हैं. हमें हाल ही में एक बहुत बड़ी कानूनी जीत हासिल हुई है! कानून को बदलने के लिए संघर्ष करना और जीतना बहुत प्रेरणादायक था. मैं आशा करती हूं कि मेरी एडवोकेसी से दूसरे कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित होंगे और वे अपने सिकल सेल सक्रियता में समर्पण कर पाएंगे.

तारतानिया की कहानी
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न्यूयार्क
अमरीका
मैं कौन हूं
मेरा नाम तारतानिया है और मैं वर्तमान में चिकित्सक हूं और पीड़ा के प्रबंधन में मेरी विशेषज्ञता है. सिकल सेल रोग मेरे जीवन का एक बहुत बड़ा हिस्सा है. मुझे और मेरे भाई को सिकल सेल रोग है.
मेरी सिकल सेल कहानी
बचपन में मैं बहुत बीमार रहती थी और अस्पताल में रहने के कारण मुझे बहुत बार स्कूल से अनुपस्थित रहना पड़ता था. इससे यह प्रभावित हुआ कि मैं किस प्रकार से बड़ी होती हूं, मैं किसके साथ मेल जोल रखती हूं, और मेरे लिए क्या शैक्षणिक अवसर थे. परिवार के सदस्य मेरा होमवर्क अस्पताल में लाया करते थे. मैं अपने अध्ययन में आगे बने रहने के लिए बहुत मेहनत करती थी ताकि मैं पीछे न रह जाऊं, जब मैं पीड़ा संबंधी तकलीफ के प्रबंधन के लिए अस्पताल में होती थी.

मेरे भाई के साथ मेरा रिश्ता
मैं परिवार की एकमात्र ऐसी सदस्या नहीं हूं जिसकी सिकल सेल से संबंधित कहानी है- मेरे भाई क्रिस्टोफर को सिकल सेल रोग के कारण स्ट्रोक हुआ था जब 4 वर्ष का था, जिसके कारण वह विकलांग हो गया था और वह चल फिर नहीं सकता था और बोल भी नहीं सकता था. कैंसर के कारण अपनी मां को खो देने के बाद, मेरे पिता-पैट्रिक ही एकमात्र व्यक्ति थे जो क्रिस्ट्रोफर की देखभाल करते थे. क्रिस्टोभर का दिमाग आज भी तेज है. जब वह हम सभी से बातचीत करता है, तो उसके व्यक्तित्व का आज भी अहसास होता है. वह अच्छा बनने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है, यह प्रोत्साहनकारी है! हम दोनो योद्धा हैं.

मेरी चिकित्सा यात्रा
अपने भाई की जटिलताओं को देखते रहने से मुझे पीड़ाहर (प्रशामक) और पीड़ा दवाओं का चिकित्सक बनने के लिए प्रेरित किया. मुझे मालूम था कि यह एक लंबी और कठिन यात्रा होगी, लेकिन मैं पीछे नहीं हटूंगी. सफलता के लिए रोग मेरी प्रेरणा था. मैं एक ऐसी डाक्टर बनना चाहती थी जिसे सिकल सेल रोग है ताकि वह इस रोग से पीड़ित लोगों की मदद कर सके. काम करने और अपने सिकल सेल रोग लक्षणों की देखभाल करने के बीच, मेरे पास बहुत ही कम समय बचता था. मेरे पास हमेशा रोगियों के कॉल आते रहते हैं क्योंकि मैं अपने काम को गंभीरतापूर्वक करती हूं और मेरी राय को महत्व देते हैं. मुझे अस्पताल में लंबे समय तक थका देने वाले घंटों तक कार्य करना पड़ता है, लेकिन फिर भी यह महत्व रखता है.

दुनिया को मेरा संदेश
सिकल सेल रोग से आपको हारना नहीं है. सिकल सेल रोग से मुझे अधिक काम करने, आगे बढ़ने, बेहतर होने के लिए स्वयं को आगे बढ़ाने, तथा लोगों को यह दिखाने के लिए मुझे प्रेरणा मिलती है कि मैं भी ऐसा कर सकती हूं. सिकल सेल रोग होने के जरिए मैंने यह सीखा कि सफलता के लिए किस प्रकार से संघर्ष करना है और अपने आप को ढ़ालना है. मैं यह समझा कि कड़ी मेहनत करके, समर्पण, और प्रतिबद्धता, जिसे मैंने अपने पिता से सीखा था, मेरी सभी आशाएं और सपने पूरे किए जा सकते हैं. मैं सभी प्रकार की नकारात्मकता को उसी स्नेह के साथ रोगियो की सहायता करके दूर करती हूं जो मेरा अपने प्रति, अपने भाई और अपने पिता के प्रति है. मैं अपने जीवन का आनन्द लेती हूं और उसे अपनाती हूं क्योंकि मैं इसे बदल नहीं सकती हूं. मैं इस बात को ठीक वैसे ही नहीं बदल सकती कि मुझे सिकल सेल रोग है जैसे कि मैं अपनी त्वचा के रंग को नहीं बदल सकती. मुझे इससे प्यार है. मैं खुद से प्यार करती हूं. मुझे अपने रोग से भी प्यार है. इससे मुझे निराशा होती है, लेकिन मैं इसे प्यार करती हूं, क्योंकि यह अभी भी मेरा है.

योगो की कहानी
25
साऊ पाउलो
ब्राजील
मैं कौन हूं
मेरा नाम यैगो है. मेरा जन्म ब्राजील में हुआ था और मैं एक सफल मॉडल हूं. मुझे सिकल सेल रोग है. मेरी कहानी में न केवल रोग से संघर्ष करना शामिल है बल्कि इसका निदान करवाने के लिए भी संघर्ष करना शामिल है.
मेरी सिकल सेल कहानी
मैं बहुत ही फिट और स्वस्थ व्यक्ति हूं और मेरा रंग गोरा और मेरी आंखे हरी हैं. जब मैं कई वर्ष पहले, पहली बार बीमार हुआ, तो डाक्टर इस बात का विश्वास ही नहीं करते थे कि मुझे सिकल सेल रोग है. यहां तक कि जांच में इसकी पुष्टि हो जाने के बाद भी, कुछ ऐसे तो जो इसे स्वीकार नहीं करते थे और उनको निदान पर भरोसा नहीं था. यह बात नामुमकिन थी. डाक्टरों ने जांच के सकारात्मक परिणामों को मानने से इंकार कर दिया. मेरा मां को विश्वास हुआ और वह मेरा समर्थन करती रही.

मेरा परिवार और सिकल सेल रोग
हालांकि मेरे माता-पिता को पता नहीं था, लेकिन उन दोनों में सिकल सेल के गुण थे. उनकी वजह से मुझे और मेरे छोटे भाई यरान को यह रोग मिला. यरान का सिकल सेल रोग मेरे से ज्यादा बदतर है और पीड़ा भी अधिक है. यह वर्ष मेरे परिवार के लिए बहुत ही उतार-चढ़ाव भरा था, क्योंकि यरान बीमार था. हम सौभाग्यशाली हैं कि हमारे माता-पिता ने हमेशा हमारा समर्थन किया है. जब हम बड़े हो रहे थे, तो उन्होने यह सुनिश्चित किया कि हमें यह बात मालूम होनी चाहिए हमें सिकल सेल रोग है, लेकिन इसकी बजह से हम अपने लक्ष्य तय न करें, और उन्हें पाने के लिए कदम न उठाएं, ऐसा नहीं होना चाहिए.

मेरा सिद्धांत
अपने परिवार के प्रोत्साहन से, मेरी परवरिश सकारात्मक परिवेश में हुई है. धीरे धीरे, मैं अपने बचपन के कठिन वर्षों से बाहर निकल पाया और सीधे अपनी बीमारी से संघर्ष कर पाया. मैं अपने रोग को बाधा नहीं बनने देता. वस्तुत:, बिलकुल इसके विपरीत होता है- इससे मुझे प्रेरणा मिलती रहती है, इससे मुझे परेशानी की स्थिति में भी उठ खड़े होने की प्रेरणा मिलती है और इससे मुझे हर नए दिन को अपनाने की प्रेरणा मिलती है.

दुनिया को मेरा संदेश
मॉडल के रूप में अपने कैरियर के लिए , एक शानदार जीवन के लिए, निर्बाध रूप से एक्सरसाइज़ करने के लिए, और मेरी सकारात्मक सोच के लिए मैं भगवान का आभारी हूं. मुझे आशा है कि दूसरे अपने निदान के लिए संघर्ष करेंगे और सिकल सेल रोग से जुड़े कलंक और भेदभाव के विरूद्ध अपना संघर्ष जारी रखेंगे जैसा मेरा साथ हुआ है. मैं चाहता हूं कि सिकल सेल रोग से अन्य लोग मजबूत बने रहें और आगे बढ़ते रहें.

यरान की कहानी
16
साऊ पाउलो
ब्राजील
मैं कौन हूं
मेरा नाम यरान है, और मैं 16 वर्ष का हूं. मेरा जन्म और परवरिश ब्राजील में हुई थी. मुझे सिकल सेल रोग है और मेरे बड़े भाई यैगो भी सिकल सेल रोग है. सिकल सेल रोग से पीड़ित होने के बावजूद, मैं अपनी शिक्षा प्राप्ति के लिए स्कूल जाता हूं. मेरे लिए स्कूल एक सामान्य बात है. मैं चाहता हूं कि, एक समुदाय के रूप में, हम सिकल सेल रोग के बारे में अधिक उदारता अपनाएं और ईमानदारी बरतें.
मेरी सिकल सेल कहानी
पीड़ा जिसका मुझे दुख सहना पड़ता है वह अधिकांश तौर पर मेरी रीढ़ की हड्डी के नीचे वाले हिस्से में होती है. यह बहुत पीड़ादायक हो सकती है. मेरे भाई के रोग की तुलना में, री पीड़ा अधिक गंभीर होती है, और मुझे अधिक समय तक अस्पताल में रहना पड़ता है. मेरा सिकल सेल रोग अधिक दुर्बलताकारक और प्रतिबंधात्मक है. हमें नहीं मालूम कि ऐसा क्यों है. हमें सिर्फ इतना मालूम है कि जब हमें अस्पताल जाना होता है तो मेरी पीड़ा उसकी पीड़ा से अधिक होती है. अभी यह नियंत्रित है.

मेरे भाई के साथ मेरा रिश्ता
यैगो के अलावा, मैं किसी अन्य व्यक्ति को नहीं जानता जो सिकल सेल रोग से पीड़ित हो. मुझे खुशी है कि मेरे पास मेरे भाई जैसा कोई है जिसके साथ रोग के कारण होने वाली पीड़ा के साथ अपने संघर्ष में मैं बात कर सकता हूं. इससे हम एक दूसरे के नज़दीक आते हैं. जब मुझे पीड़ा होती है, तो मैं इसके बारे में उससे बात कर सकता हूं और वह जानता है कि तब कैसा महसूस होता है. मैं अपने भाई से इस बात को लेकर प्रभावित हूं कि कैसे वह अपने रोग के बारे में स्पष्ट रूप से बात करता है, जब वह मॉडल के रूप में काम करता है और इस दशा के बावजूद कैसा उसका इस क्षेत्र में कैरियर है. मैं इस बात की प्रशंसा करता हूं कि वह जिम जाकर और नियमित रूप से एक्सरसाइज करके कैसे फिट और स्वस्थ रहता है. इससे मुझे प्रेरणा मिलती है और इस आशा का संचार होता है कि मैं भी अपने रोग से लड़ सकता हूं और सफल हो सकता हूं.

सिकल सेल के बारे में मेरी सोच
मुझे मालूम है कि सिकल सेल रोग से पीड़ित और लोग भी हैं, लेकिन बहुत से लोग शायद इसके लिए शर्मिंदा हैं या इसे छिपा रहे हैं, जो कि गलत है. यैगो और मैं दोनों ही सिकल सेल रोग का उपचार समान तरीके से करते हैं- हम इसे छिपाते नहीं है और हम इसके लिए शर्मिंदा भी नहीं थे. हम हर समय खाली बैठ कर इस रोग के बारे में बात नहीं करते हैं. हम अपने जीवन के साथ बस आगे बढ़ते रहते हैं. हम कोशिश करते हैं कि हम ईमानदार और खुलापन अपनाएं तथा हम चाहते हैं कि दूसरे इस रोग को बेहतर समझें. मेरे सबसे नज़दीकी मित्र को पता है कि मुझे यह रोग है और मुझे इस बात का बुरा नहीं लगता कि लोग यह जानें या उन्हें इस बात का पता लगे. मैं नहीं चाहता कि मैं इसे हमेशा के लिए छिपा कर रखूं. यह ठीक है कि लोगों को पता हो. प्रश्न यह है कि वे किस प्रकार प्रतिक्रिया करते हैं, वे क्या सोचेंगे, और वे क्या कहेंगे.

दुनिया को मेरा संदेश
मेरा सच में मानना है कि लोगों को सिकल सेल रोग के बारे में जानकारी हो तथा लोग इसके बारे में बात करें. मेरा विश्वास है कि ऐसा करने से जिन लोगों द्वारा इस बीमारी का अनुभव किया जाता है, उन तौर तरीकों में बदलाव होगा तथा पेशेवरों द्वारा इसके उपचार के तरीकों में भी बदलाव आएगा. यह महत्वपूर्ण है कि सिकल सेल रोग के बारे में खुलापन अपनाया जाए और ईमानदारी बरती जाए- जिससे इस रोग के साथ जुड़ा कलंक हट जाएगा, और इसे दूसरे रोगों की तरह ही माना जाएगा.

केरोलिन की कहानी
24
कैम्पीनास
ब्राजील
मैं कौन हूं
मेरा नाम केरोलीन है और मेरा जन्म ब्राजील में हुआ था. मैं पर्सनल स्टाइलिस्ट के तौर पर फैशन उद्योग में काम करती हूं. मुझे और मेरी आंटी को सिकल सेल रोग है. मेरी 16 साल की बहन को सिकल सेल रोग नहीं है. मुझे अपनी रोज़मर्रा की जिंदगी को बदलना पड़ा, लेकिन मैं आज भी अपने सपनों को पूरा करने की दिशा में काम करती हूं और सकारात्मक सोच अपनाए रखती हूं.
मेरी सिकल सेल कहानी
जब मैं कुछ महीनों की थी, तो मेरे परिवार को यह पता लगा कि मुझे सिकल सेल रोग है. मेरी आंटी का भी निदान सिकल सेल रोग के साथ किया गया जब वह 4 वर्ष की थी और वह मेरे से अधिक पीड़ा उठाती है. मुझे एक बहुत की खराब पीड़ा संबंधी तकलीफ की याद है. मुझे याद है कि पीड़ा इतनी खराब थी कि मैं मरना चाहती थी- यह पीड़ा असहनीय थी. किसी को भी इस प्रकार की पीड़ा का अनुभव न करना पड़े. मैं जीना नहीं चाहती थी. मेरी दादी मुझे इतनी अधिक पीड़ा में देखकर बहुत ही व्यथित थी, लेकिन उन्होने मुझे तसल्ली दी की मैं ठीक हो जाऊंगी. वह मुझे हमेशा ही प्रोत्साहित करती रहती थी, और बचपन से ही उन्होने मुझे सकारात्मक बने रहने के महत्व को सिखाया. उन्होने मुझ से कहा, “ऐसा न कहो. तुम ठीक हो जाओगी”. इस तरह से उसके बाद, मैंने शांत रहने की कोशिश की और इससे मुझे अपनी पीड़ा में बहुत राहत मिली. आमतौर पर मुझे सिकल सेल रोग के कारण पीड़ा संबधी तकलीफ नहीं होती है, लेकिन हाल ही मुझे पता लगा कि इसके कारण मेरे मस्तिष्क पर असर पड़ा है. मेरे मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी के कारण मुझे सिरदर्द होते हैं, जो कि जानलेवा साबित हो सकता है.

मेरी सहायता व्यवस्था
रोग के बारे में खुलापन अपनाने के कारण से मुझे एक विश्वसनीय और सहानुभूतिपूर्ण सहायता व्यवस्था विकसित करने में मदद मिली. स्कूल के दिनों में, मेरी दादी लोगों को बताती थी कि मुझे सिकल सेल रोग है और इसका क्या अर्थ होता है. इसके कारण लोगों के लिए यह समझना आसान हो गया कि मेरे साथ क्या होता होगा, जिससे वे मेरी सहायता कर सकते थे जब मुझे पीड़ा संबंधी तकलीफों का सामना करना पड़ता था. मैं जब भी अस्पताल में होती थी, तो मेरे दोस्त मेरा होमवर्क और पुस्तकें अस्पताल में ले आते थे ताकि मैं अपने बिस्तर पर बैठे बैठे ही पढ़ सकूं. अपनी पढ़ाई के साथ अपडेट रखने के लिए मैंने बहुत कड़ी मेहनत की, जिससे मेरा काम कोई बहुत अधिक नहीं पिछड़ता था, और मैं क्लास के अन्य छात्रों के समकक्ष ही रहती थी. मेरी मां मेरे जीवन में सबसे अच्छा व्यक्तित्व रहा है. जब मेरा निदान किया तो वह कई दिनों तक रोती रही, और अंत में उसने उन सभी कामों को छोड़ दिया जो वह अपने लिए करना चाहती थी, ताकि वह मेरे लिए सर्वाधिक सर्वश्रेष्ठ जीवन का निर्माण कर सके. वह इस बात को लेकर जिद करती थी कि मेरे साथ भी अन्य बच्चों के जैसा ही व्यवहार किया जाएगा तथा उन्होने मुझे वैसा ही महसूस करने का पाठ पढ़ाया. मेरे दिमाग में यह बात बैठ गई कि मैं सामान्य हूं, लेकिन मुझे रोग है. और इस रोग के लिए कुछ उपचार की आवश्यकता है, कुछ ध्यान देने की ज़रूरत है. जब मैं घर वापस आती हूं, तो मेरा मां मुझे हमेशा यह याद कराती है कि मैं एक सशक्त महिला हूं. वह मुझे हमेशा ही अच्छा महसूस करवाती हैं.

मेरा संघर्ष
मैंने स्टाईलिस्ट के रूप में फैशन की दुनिया में काम करके अपने सपनों को पूरा किया गया है, लोगों की सहायता की है. अब मैं ग्रेजुएशन करने वाले छात्रों और उनके परिवारों के साथ काम कर रही हूं ताकि उनकी ग्रेजुएशन पार्टी के लिए कपड़ों में सहायता कर सकूं. मैं वास्तव में अपने अध्ययन को जारी रखना चाहती हूं ताकि मैं अपने कैरियर को सुधार कर सकूं. कभी-कभी नौकरी एक चुनौती बन जाती है जब मुझसे दूसरे लोग नाराज होते हैं. जब मैं काम पर नहीं आ सकती, तो लोग हमेशा ही मुझे नकारने की नज़र से देखते हैं. यह एक छिपा हुआ भेदभाव है. रोग के कारण मेरा दैनिक जीवन भी प्रभावित हुआ है. मुझे लगता है कि जब मैं 18 वर्ष की थी, और उस जो काम मैं कर सकती थी, वह मैं अब नहीं कर सकती हूं, जैसे पूरा दिन स्कूल में ठहरना और फिर उसके बाद जिम जाने और फिर स्विमिंग कक्षाओं में जाने की ताकत. मैं ये सभी काम अभी भी कर सकती हूं, लेकिन मुझे इसके बाद कई दिनों तो सोना पड़ता है. मुझे अपनी रोज़मर्रा की जिंदगी पूरी तरह से बदलनी पड़ी, मेरे काम के दिन, और जीवन की चुनौतियों के संबंध में मेरा नज़रिया, सब कुछ बदलना पड़ा क्योंकि मुझे बहुत थकान महसूस होती है. मुझे पता चला कि मेरी क्षमता सीमित है और मुझे अपने जीवन के साथ समायोजन करना होगा, कि मैं कैसी हूं, मैं क्या कर सकती हूं और एक तरीके से जीवन जीना होगा.

दुनिया को मेरा संदेश
हमेशा याद रखें कि हम सम्मान के हकदार हैं. हमारी पीड़ा और जीवन आपसे से अलग है. हम सामान्य बने रहने के लिए और जो कुछ भी हम करन चाहते हैं, उसके लिए हर रोज़ अपने शरीर से संघर्ष करते हैं. परिवार और मित्रों के प्रेम और सहायता से, मैंने अपनी सोच को सकारात्मक बनाए रखा, और आप भी कर सकते हैं!

लवली की कहानी
20
ओडिशा
भारत
मैं २० वर्ष की हूँ”.
मैं कौन हूं
मेरा नाम लवली है और मेरा जन्म भारत में हुआ था. मैं 20 वर्ष का हूं तथा हम 4 भाई बहन हैं. हालांकि मेरे 2 बड़े भाई हमेशा से ही स्वस्थ रहे हैं, लेकिन मेरी बहन और मैं, छोटी उम्र में ही बीमार हो गए थे और सिकल सेल रोग के साथ संघरष में निम्न हीमोग्लोबिन स्तरों और बुखार के कारण उसकी मृत्यु हो गई. हालांकि मैं बच गई, लेकिन इस रोग ने मेरी बहन और मेरे बचपन को मुझ से छीन लिया.
मेरी सिकल सेल कहानी
जब मैं 12 वर्ष का था, तो मेरा निदान सिकल सेल रोग के साथ किया गया था, मुझ में शरीर, जोड़ों में गंभीर पीड़ा और पीठ दर्द तथा सिरदर्द के साथ मुझ में विशिष्ट लक्षण थे. मैं हमेशा ही परेशान रहता था. पीड़ा की शुरूआत मेरी अंगुलियों के जोड़ों से होती तथा यह पीड़ा उस तक दूसरे जोड़ों में फैलती रहती जब तक कि यह पूरे शरीर में नहीं हो जाती और इसका सामना करना बहुत ही थकाऊ होता था. मैं अपनी सहायता के लिए पूरी तरह से शारीरिक और वित्तीय रूप से दूसरों पर निर्भर हो गया. मेरे पिता ने मेरे सभी खर्चों और अस्पताल के बिलों का भुगतान करने के लिए अपनी समस्त बचतों का उपयोग किया, और ऐसा तब तक किया जब तक कि वे कर्ज में नहीं आ गए. जीवन, वास्तव में हमारे पूरे परिवार के लिए बहुत कठिन हो गया था.

लगभग मृत्यु जैसा अनुभव
पीड़ा संबंधी तकलीफों के दौरान, मैं मुश्किल से ही चल पाता था और यहां तक कि खड़ा भी नहीं हो सकता था. मुझे आसपास जाने के लिए अपनी मां की ज़रूरत होती थी, लेकिन इधर-उधर ले जाना भी बहुत पीड़ादायक होता था. सिकल सेल रोग की पीड़ा संबंधी तकलीफों के कारण मुझे लगता है कि मैं मरने वाला हूं. एक दिन मैं गंभीर रूप से बीमार हो गया, जब मेरा हीमोग्लोबिन गिर कर 4.0 हो गया, जैसा कि मेरी बहन के साथ हुआ था जब उसकी मौत हुई थी, और मुझे जल्दी से अस्पताल ले जाया गया. मैं सारी उम्मीद खो चुका था.

जीवन में एक नया अवसर
शुक्र है, कि मैं ठीक हो गया और आज भी मेरे लक्षणों में सुधार जारी है. जब मैं छोटा था, तो मेरे स्वास्थ्य से जुड़े अनेक मुद्दे होते थे, लेकिन अब मुझे उचित देखभाल मिल रही है, और मेरे स्वास्थ्य में सुधार हुआ है. अंतत: अब मैं सामान्य महसूस करता हूं. वर्तमान में मैं काम करता हूं, और अपने परिवार की भी मदद करता हूं. मैं घरेलू खर्चों और बिलों को वहन करता हूं, जैसे किराया और बिजली.

दुनिया को मेरा संदेश
उन सभी लोगों जो सिकल सेल रोग से पीड़ित हैं, मैं यह कहना चाहूंगा कि मुझे देखो. मैंने उम्मीद नहीं छोड़ी है. मैं कई बार बीमार पड़ा हूं, लेकिन यहां तक कि जब मुझे लगा कि मैं मरने वाला हं, मैंने कभी आशा नहीं छोड़ी, और यही कारण है कि मैं ठीक हो गया हूं. इस बात को लेकर निराश न हों कि आपको यह रोग है. याद रखें सिकल सेल रोग से पीड़ित लोग भी होशियार और प्रतिभाशाली होते हैं. यह न सोचो कि आप अन्य स्वस्थ लोगों की तरह नहीं हो. अन्य सामान्य लोगों की तरह ही हम आगे बढ़ सकते हैं, न की पीछे. कृपया उम्मीद न छोड़ें!

प्रियंका का कहानी
23
हैदराबाद
भारत
मैं कौन हूं
मेरा नाम प्रियंका है और मैं 23 साल की हूं, और मैं भारत में रहती हूं. मेरे परिवार के किसी सदस्य को सिकल सेल रोग नहीं है या कोई भी कैरियर नहीं है, लेकिन किसी भी जांच भी नहीं की गई है. एक मात्र बात जो मैं इसके बारे में जानती हूं वह यह है कि किसी दूर के रिश्तेदार यह रोग हुआ था और मेरे भाई की मृत्यु छोटी उम्र में ही संक्रमण की जटिलताओं के कारण हो गई थी. हालांकि उसकी कभी भी सिकल सेल रोग के लिए जांच नहीं की गई थी, मेरा मानना है कि उसकी मृत्यु भी इसी रोग के कारण हुई होगी.
मेरी सिकल सेल कहानी
जब मैं छोटी थी, तो मेरी टांग में बहुत अधिक दर्द होने के बाद, और मेरे हाथ में अजीब सी सूजन होने के बाद, एक डॉक्टर ने मेरा निदान सिकल सेल रोग से किया था. पहली बार जब मुझे पीड़ा संबंधी तकलीफ हुई तो मेरी सांस फूल गई थी और पीड़ा के कारण मुझे घुटन महसूस हो रही थी. यह बिजली की तरह मेरे पूरे शरीर में तब तक दौड़ती रही जब तक कि मैं बिलकुल हिल-डुल नहीं सकती थी. सौभाग्यवश, मेरे चिकित्सक ने सिकल सेल रोग के बारे में विचार किया. उन्होने एक सामान्य रक्त जांच की और तब मुझे पता चला कि मुझे यह रोग है.

काम करने में मेरी कठिनाई
हालांकि मैंने ब्यूटीशियन का प्रशिक्षण प्राप्त किया है, और साथ ही टेलेमार्केटिंग का, लेकिन मेरा वेतन हमेशा ही बहुत कम रहा है, इसलिए मुझे वित्तीय रूप से संघर्ष करन पड़ा. जब मैं काम करती थी, तो मुझे लगभग हर सप्ताह पीड़ा संबंधी तकलीफ होती थी, और हर बार वह 3 से 4 सप्ताह तक बनी रहती थी. पीड़ा संबंधी तकलीफ इतनी अधिक बार बार होती थी कि मुझे काम छोड़ना पड़ा और मुझे वेतन नहीं मिला. आय के बिना, न तो मैं अस्पताल जा सकी और न ही 3 महीनो तक काम कर सकी, और मेरे लिए खाना पीना भी वहन करना मुश्किल हो गया था. पीठ में दर्द के कारण, मैं बैठ भी नहीं सकती थी. हाथ में दर्द होने के कारण मैं लिख भी नहीं सकती थी. टांग में दर्द के कारण, मैं चल फिर नहीं सकती थी या खड़ी नहीं हो सकती थी. मेरे लिए बाहर जाना मुश्किल होता था. मैं पूरी तरह से फंस गई थी.

सिकल सेल रोग के साथ डेटिंग
एक बार मेरे मन में प्रश्न उठा कि इस रोग के साथ जीवन जीने का क्या अर्थ है, लेकिन जैसे जैसे समय बीतता चला गया, मुझे कम पीड़ा और पीड़ा संबंधी तकलीफे कम होने लगीं. मैंने आशा का दामन थामे रखा, लेकिन सिकल सेल रोग के साथ अपने भविष्य की वास्तविकता से मुंह नहीं मोड़ा. मुझे यह पता लगा कि अधिक पानी पीने से, समय पर अपनी दवा लेने से, और उचित आहार बनाए रखने से मैं अपने लक्षणों का प्रबंधन करने में समर्थ रही हूं. मेरे जीवन में एक संघर्ष, जो निरन्तर बना रहा है, हालांकि यह एक असमंजस ही है कि क्या मुझे विवाह करना चाहिए या नही. मुझे लगता है कि यदि मैंने विवाह किया, तो मेरे पति के लिए मेरी भावनाओं, पीड़ा और परेशानी को समझना कठिन होगा. इन समस्याओं से बचने के लिए, मैं अकेली ही रहूंगी और खुशी से अपना जीवन व्यतीत करूंगी. सिकल सेल रोग मुझ से मेरा बहुत कुछ पहले ही छीन चुकी है, जिसमें भावनात्मक वजन और परिवार, पार्टनर, सहोदर भाई बहनों या मित्र पर वित्तीय भार शामिल है.

दुनिया को मेरा संदेश
मेरे विचार से हमें इस रोग के बारे में जानकारी को साझा करके गांवों में जागरूकता का प्रचार-प्रसार करना चाहिए. मैं उन्हें जांच कराने के बारे में बताना चाहती हूं, ताकि वे प्रारम्भिक चरणों में ही रोग का निदान कर सकें, और उन्हें यह पता चल सके कि सिकल सेल रोग होने का अर्थ शर्मिंदगी नहीं है. जब मैं सिकल सेल रोग के बारे में अपने निदान को साझा करती हूं, तो लोग दया और सहानुभूति दिखाते हैं. मैं उस दया और सहानुभूति को दूसरे पीड़ितों तक ले जाना चाहती हूं. सिकल सेल रोग ने चुनौती दी है और मेरे जीवन के मार्ग को बदल दिया है, लेकिन मैं हारने वाली नहीं हूं- हमें इस रोग के बारे में लोगों को जानकारी देनी चाहिए और यह बताना चाहिए कि किस प्रकार से जांच करवानी चाहिए. हमें मिल कर संघर्ष करना चाहिए

बिरजवीर तथा पुस्पित की कहानी
15 और 13
छत्तीसगढ़
भारत
हम कौन हैं?
हमारे नाम बिरजवीर और पुस्पित हैं और हमारा जन्म भारत के ग्रामीण राज्य छत्तीसगढ़ में हुआ है. हम दोनों भाइयों को सिकल सेल रोग है. हालांकि हम बीमार हैं, लेकिन हम दोनों की भविष्य के प्रति महत्वकांक्षाएं हैं. जब बिरजवीर बड़ा होगा, तो वह इंजीनियर बनना चाहता है और बड़े शहर जैसे मुम्बई में काम करना चाहता है. बड़ा होने पर पुस्पित डॉक्टर बनना चाहता है, क्योंकि उसे लोगों को बेहतर बनाने से जुड़ा डॉक्टरों का काम अच्छा लगता है. वह छोटे शहरों में रहना और काम करना चाहता है, जैसे कि हमारा गांव, ताकि वह दूसरे बच्चों के उपचार में सहायता कर सके.
हमारी सिकल सेल रोग कहानी
सिकल सेल रोग के कारण हम बहुत से काम नहीं कर पाते हैं. कुछ गतिविधियां जो हमें अच्छी लगती है, हम उनका आनन्द नहीं ले पाते हैं. बिरजवीर को तालाब में छलांग लगाना और तैराकी अच्छी लगती है, और पुस्पित को खेलना और पढ़ना अच्छा लगता है, लेकिन हमारी दशा के लक्षणों के कारण ये गतिविधियां एक चुनौती ही हैं. सिकल सेल रोग के कारण हमें चक्कर आते है और हमें इतना खराब पेटदर्द होता है कि कभी कभी हम बीमार हो जाते हैं. सिकल सेल रोग के कारण, हमें बहुत अधिक पीड़ा सहन करनी पड़ती है.

हमारी शिक्षा
हम योग्य, होशियार, और कड़ी मेहनत करने वाले लड़के हैं जिनके पसंदीदा विषयों में गणित और हिंदी शामिल हैं, लेकिन इस रोग के कारण हमारी शिक्षा बाधित हुई है. पीड़ा संबंधी तकलीफों के कारण हम कई बार स्कूल नहीं जा सके. जब पीड़ा संबंधी तकलीफें होती हैं, तो उसी के साथ ही पेटदर्द शुरू हो जाता है जिसके कारण हमें अस्पताल में जाना पड़ता है. अस्पताल हमारे घर से दूर है और हमें वहां जाना अच्छा भी नहीं लगता है, लेकिन जब डॉक्टर हमारा उपचार करते हैं, तो हमें अच्छा लगता है.

हमारी मित्रता
हम दोनों में से कोई भी आमतौर पर लोगों को यह नहीं बताता कि हमें सिकल सेल रोग है, क्योंकि हमारे गांव में इसके बारे में कोई बहुत अधिक बात नहीं की जाती है. हम अपनी लड़ाई में अकेले महसूस करते हैं-हम अपने परिवार मे दो ही बच्चे हैं, लेकिन गांव में अन्य लोगों को भी सिकल सेल रोग है.

दुनिया को हमारा संदेश
हम दूसरे बच्चों, जो इस रोग से पीड़ित हैं, को सकारात्मक बने रहने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. साहस रखें और यह जान लें कि इस दशा में सुधार होगा. हम सभी की अपनी आशाएं और सपने हैं, और इससे हम हार नहीं मानेंगे. अच्छे से खेलें, अच्छा खाएं, अपनी बीमारी के बारे में बहुत अधिक न सोचें. और इससे भी बड़ी बात है, कभी भी आशा का दामन न छोड़ें.

टेड की कहानी
18
नैरोबी
केन्या
मैं कौन हूं
मेरा नाम टेड है और मेरा जन्म केन्या में हुआ था. मेरी आयु 18 वर्ष की है. मेरे पिता वित्त संबंधी काम करते हैं और अकसर वे तंजानिया से बाहर रहते हैं और मेरी मां एक कारखाना चलाती हैं जिसमें वहनीय ग्रोसरी बैग बनाए जाते हैं. मेरे 2 भाई है, लेकिन परिवार में मैं अकेला हूं जिसे सिकल सेल रोग है. मैं जिन कामों को करना चाहता हूं और जिन लक्ष्यों को मैं प्राप्त करना चाहता हूं, उनके लिए मैं सिकल सेल को बाधा नहीं बनने देता हूं.
मेरी सिकल सेल कहानी
मेरे जन्म के 2 दिन बाद ही मेरा निदान सिकल सेल रोग से किया गया था. जब मेरे माता-पिता ने इसके निदान के बारे में सुना, तो पूरी तरह से टूट गए थे, और इस खबर को सहन करने में सक्षम होने में उन्हें बहुत लंबा समय लग गया था. मेरे माता-पिता-सकारात्मकता, स्नेह और उम्मीद के साथ मेरे रोग का प्रबंधन करने के प्रति वचनबद्ध थे. मैंने भी उसी सोच को दिल से स्वीकार किया है. मैं आशावाद और उम्मीद का प्रचार-प्रसार करना चाहता हूं. कभी कभी यह मुश्किल हो सकता है. दुर्भाग्यवश, सिकल सेल रोग के कारण मेरे मित्र, निकोल की मृत्यु हो गई. किसी मित्र या परिवार के सदस्य की मृत्यु के साथ, आपकी जिंदगी रूक सकती है और आप पूरी तरह से निराश हो सकते हैं, या फिर आप इस पर काबू पा सकते हैं, इसे याद कर सकते हैं, इसका उपयोग कर सकते हैं, और इससे मजबूती पा सकते हैं. निकोल के जाने का मुझे बहुत गम था, लेकिन मैं आज भी उस दोस्ती को याद करता हूं और उससे ही मजबूती हासिल करता हूं.

टेड चेस खेल रहा है
मैंने हाल ही में नैरोबी स्थिल हाई स्कूल से ग्रेजुएशन की है. स्कूल में मेरे नज़दीकी दोस्त यूट्यूब (YouTube) सीरीज़ के साथ जुड़े हैं जिसमें हमारे स्कूल के सर्वश्रेष्ठ और प्रतिभाशाली लोगों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी जाती है. मैं अपने दोस्त, जोनाथन, जो कि गिटार बजाते हुए गाना गाता है, के साथ प्रस्तुतकर्ता हूं. मेरे दोस्त वास्तव में मुझ से प्रेम करते हैं और मेरी देखभाल करते हैं. जब मैं स्कूल नहीं जा पाता और मुझे अस्पताल में भर्ती रहना पड़ता है, तो वे इसकी चिंता करते हैं. जब भी स्कूल में मुझे पीड़ा संबंधी तकलीफ होती है, तो मैं घर या अस्पताल नहीं जाना चाहता. मुझे याद है एक बार मेरे अध्यापक और मित्रों ने देखा कि मैं संघर्ष कर रहा हूं और उन्होने मुझे सुझाव दिया कि मैं घर चला जांऊ और विश्राम करूं, लेकिन मैंने इंकार कर दिया और दिन भर मैं जितना मेरे में क्षमता थी, संघर्ष करता रहा. मैं इस बात की जिद पर अड़ा था कि मैं अपनी सिकल सेल पीड़ा से हार जाऊं या वह मेरी क्षमता को तय करे.

मेरी यात्रा और मेरे लक्ष्य
मेरी यात्रा के साथ उतार-चढ़ाव जुड़े हैं. मुझे मित्रों और परिवार से समर्थन मिला. इससे बहुत अधिक सहायता मिलती है और इसका दीर्घकालिक असर पड़ता है. मैं अपने सिकल सेल रोग को दूसरों द्वारा अपने जीवन का आनन्द लेने के लिए प्रेरणा देने का अवसर मानता हूं. मैं दृढ़-संकल्पवान, उत्साही और महत्वकांक्षी बने रहने की कोशिश करता हूं- मेरा लक्ष्य है कि मैं एक दिन एम्बेसडर बनू ताकि मैं पूरी दुनिया में सिकल सेल रोग के बारे में जागरूकता का प्रचार प्रसार कर सकूं. मैं जानता हूं कि यह चुनौतीपूर्ण है, लेकिन मैंने अपने आप को स्थितियों के अनुसार ढ़ाल लिया है और एक परिपूर्ण और व्यस्त जीवन व्यतीत करने का तरीका खोज लिया है.

दुनिया को मेरा संदेश
याद रखें कि सिकल सेल रोग, कोई भी ऐसा काम जो आप करना चाहते हैं, उसमें बाधा नहीं है. वास्तव में, सिकल सेल एक प्रेरणादायक कारक है. यदि आप सकारात्मक पक्ष को देखें, तो इसका अर्थ है कि आपके पास काम करने के लिए समय कम है. लेकिन यदि आप ध्यान केन्द्रित करते हैं, तो आप दूसरों की तुलना में कहीं तेजी से कार्य कर सकते हैं. इस संबंध में मेरी सोच ऐसी है. मैं इसे अपने लिए कोई समस्या नहीं मानता. मैं अपने जीवन का भरपूर आनन्द लेने की कोशिश करता हूं. मैं जितना संभव हो सके उतना आनन्द लेना चाहता हूं, लेकिन मैं यह भी जानता हूं कि मेरी सीमाएं हैं. आपको अपने शरीर को समझना होगा. आपको इस तथ्य को समझना होगा कि आप दूसरे लोगों की तरह कार्य नहीं कर सकते हैं. लेकिन जब आप किसी काम करते हैं, तो आपको इसे सर्वश्रेष्ठ तरीके से करना चाहिए.
सिकल सेल रोग की अनकही कहानियों का परिचय: फ़िल्टर नहीं की गई
इन कड़ियों में आवाजें वैश्विक सिकल सेल समुदाय से हैं, जो अपने जीवन को प्रभावित करने वाले मुद्दों के बारे में अपने शब्दों में बोल रहे हैं। यह उन प्रेरक व्यक्तियों पर नवीनतम नजर है जो रोग को उनके सामर्थ्य परिभाषित नहीं करने देंगे।
दुनिया भर के सिकल सेल वाले वास्तविक लोगों से सुनें।





उन लोगों को आवाज़ देना जिनकी कहानियाँअनकही ही रह गई हैं
डा. कुमार, जो वैश्विक स्वास्थ्य चिकित्सक और फोटोग्राफर हैं, सिकल सेल रोग के संबंध में जागरूकता पैदा करने और इस रोग के प्रति दुनिया के नजरिये में बदलाव लाने में सहायता करने के लिए, पूरी दुनिया की चुनौती और प्रेरणा की छवियों और कहानियों को साझा कर रहे हैं. आप यह देख पाएंगे कि इस दशा से पीड़ित लोग किस प्रकार से चुनौतियों को दूर करते हैं, उनमें किस बात से आशा का संचार होता है, और कौन सी बातें उन्हें प्रेरित करती रहती हैं।
सिकल सेल रोग से पीड़ित लोगों और उनके देखभालकर्ताओं की प्रेरक कहानियों, प्रस्तावों, वीडियो तथा अपनी यात्राओं के दौरान ली गई तस्वीरों के माध्यम से, यह पहल पूरी दुनिया में लोगों की पीड़ा को कम करने की सहायता करने मे अधिक ध्यान आकर्षित रही है ।